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नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद बोले – भारत में विकास रणनीति का मुख्य केंद्र बिंदु कृषि

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नई दिल्ली, 3 अगस्त। भारत में कृषि विकास रणनीति का एक प्रमुख केंद्र बिंदु रहा है और देश ने 2016-17 से 2022-23 तक के सात वर्षों के दौरान कृषि क्षेत्र में पांच प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर हासिल की है। नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने शनिवार को यह जानकारी दी।

कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई) को संबोधित करते हुए रमेश चंद ने कहा कि विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत ने पिछले 10 वर्षों में दुनिया में कृषि जीडीपी में सबसे अधिक वृद्धि दर हासिल की है। उन्होंने कहा, “भारत में कृषि विकास रणनीति का एक प्रमुख क्षेत्र रहा है और देश ने 2016-17 से 2022-23 तक की सात वर्ष की अवधि के दौरान ऐतिहासिक रूप से पांच प्रतिशत की उच्चतम वृद्धि दर हासिल की है।”

कृषि अर्थशास्त्री ने बताया कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का हिस्सा 2006 में 3.2 प्रतिशत से बढ़कर हाल के वर्षों में 4.3 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा, “पिछले 15 वर्षों में कृषि वृद्धि ने कई देशों को आर्थिक पतन से बचाया है। कृषि से श्रम शक्ति को बाहर निकालने में उद्योग के खराब प्रयासों के कारण, बड़े कार्यबल के लिए लाभकारी रोजगार का दायित्व अभी भी कृषि पर बना हुआ है।”

प्रो. रमेश चंद के अनुसार कृषि में हाल की उपलब्धियां और अवसर भारत और विश्व के भविष्य के विकास में कृषि की और भी बड़ी भूमिका की ओर इशारा कर रहे हैं। इन सभी चुनौतियों के कारण आर्थिक और मानव विकास में कृषि की भूमिका को नए सिरे से समझना तथा सभी स्तरों पर कृषि पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करना आवश्यक हो गया है।

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