नई दिल्ली, 1 फरवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुुधवार को संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार साल 2023-24 में 13.70 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। सरकार ने 2.4 लाख करोड़ रुपए का फंड रेलवे के लिए लिए रखा है। इसमें से 75 हजार करोड़ नई योजनाओं पर खर्च किया जाएगा।
बजट में निर्मला सीतारमण के बड़े एलान
- पीएम आवास योजना के खर्च को 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये से अधिक किया जा रहा है।
- अगले 3 सालों में, सरकार आदिवासी छात्रों को समर्थन देने वाले 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को नियुक्त करेगी।
- देश में 50 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे।
- बच्चों और युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी।
- पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।
- कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी।
- 2014 से बने मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
- पहचान पत्र के तौर पर PAN को मान्यता।
- सीवर सफाई मशीन आधारित करेंगे।
- AI के लिए सेंटर फॉर इंटेलिजेंस।
- नगर निगम अपना बॉन्ड ला सकेंगे।
- पीएम आवास योजना का फंड बढ़ाया जाएगा।
इस बजट की 7 प्राथमिकताएं
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बजट की 7 प्राथमिकताएं समावेशी विकास, अंतिम छोर तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरी वृद्धि, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र हैं।
कृषि त्वरक कोष की स्थापना
निर्मला सीतारमण ने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए ‘कृषि त्वरक कोष’ की स्थापना की जाएगी।
कृषि से जुड़े स्टार्ट अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि से जुड़े स्टार्ट अप्स को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा।
अमृत काल का पहला बजट
निर्मला ने बजट भाषण देना शुरू किया तो थोड़ी देर बाद राहुल गांधी सदन पहुंचे। तब कांग्रेस सांसदों ने ‘भारत जोड़ो’ के नारे लगाए। हालांकि, थोड़ी देर बाद वो चुप हो गए। वित्त मंत्री ने कहा- अमृत काल का पहला बजट है। यह आजादी के 100 साल बाद भारत की परिकल्पना का बजट है। इस बजट में किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्ग के विकास की रूपरेखा है।
प्रति व्यक्ति की आय दोगुने से भी अधिक बढ़ी, अब 1.97 लाख रुपए तक पहुंची: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा, ‘2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपए हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।’
अर्थव्यवस्था वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान
बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्तमान वर्ष के लिए हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान है, यह विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।
भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपए हो गई है। इन 9 सालों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।
दो लाख करोड़ रुपए की खर्च कर हम जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न देंगे
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमने यह सुनिश्चित किया कि किसी का पेट खाली न रहे। 28 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया। दो लाख करोड़ रुपये की खर्च कर अगले एक साल में हम जरूरतमंद परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न देंगे। 2014 के बाद से हमारे प्रयासों की वजह से लोगों का जीवन बेहतर हुआ है।
भारतीय अर्थव्यवस्था चमकता हुआ सितारा- सीतारमण
निर्मला सीतारमण ने कहा, दुनिया ने भारतीय अर्थव्यवस्था को चमकता हुआ सितारा माना है। दुनिया में भारत का कद बढ़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में चल रही है और सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि हमने कोरोना काल में यह सुनिश्चित किया कि कोई भी भूखा न सोए। सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपए खर्च करके हर व्यक्ति को खाद्यान सुनिश्चित किया। 28 महीने तक 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन की व्यवस्था की गई।