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निर्मला सीतारमण ने आईएमएफ मुख्यालय में कहा – वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद सही दिशा में बनी रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

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वॉशिंगटन, 15 अक्टूबर। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति (आईएमएफसी) की पूर्ण बैठक में कहा कि वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में बनी रहेगी और वित्त वर्ष 2022-23 में इसके सात प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अनुकूल घरेलू नीति वातावरण और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख संरचनात्मक सुधारों पर सरकार के ध्यान का परिणाम है।

निर्मला सीतारमण ने IMFC के सदस्यों को बताया कि भारत सरकार ने मुद्रास्फीति प्रबंधन को आगे बढ़ाते हुए विकास की रक्षा के लिए पहल की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के व्यापक सार्वजनिक वितरण नेटवर्क के माध्यम से पिछले 25 महीनों से 80 करोड़ से अधिक कमजोर परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित की है।

डिजिटल भुगतान नवाचारों के मामले में भारत आज दुनिया में अग्रणी

उन्होंने कहा, ‘आज भारत डिजिटल भुगतान नवाचारों के मामले में दुनिया में अग्रणी है और हमारी लेनदेन लागत दुनिया में सबसे कम है।’ यह देखते हुए कि आईएमएफ को वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा के लिए उभरते और कम आय वाले देशों के लिए उपलब्ध संसाधनों में वृद्धि करने की आवश्यकता है, सीतारमण ने इस बात को रेखांकित किया कि 15 दिसम्बर 2023 तक कोटा की 16वीं सामान्य समीक्षा का समापन विश्व अर्थव्यवस्था में उनकी सापेक्ष स्थिति के अनुरूप उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के मतदान अधिकारों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।

आईएमएफ में भारत का कोटा (जो बहुपक्षीय ऋण देने वाली एजेंसी में वोटिंग शेयर निर्धारित करता है) 2.75 प्रतिशत है। चीन का कोटा 6.4 प्रतिशत और अमेरिका का 17.43 प्रतिशत है। एक सामान्य समीक्षा आईएमएफ को वित्तीय जरूरतों में सदस्यों के भुगतान संतुलन और उन जरूरतों को पूरा करने में फंड की क्षमता दोनों के संबंध में कोटा की पर्याप्तता का आकलन करने की अनुमति देती है।

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