वाशिंगटन, 15 अक्टूबर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कोविड टीके की पहुंच और सामर्थ्य में अधिक भागीदारी का आग्रह किया है क्योंकि दुनिया इस महामारी से तेजी से बाहर निकलने के प्रयास में है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की वार्षिक बैठक में अपने संबोधन के दौरान ये बातें कहीं।
संकट के बावजूद भारत ने संरचनात्मक सुधारों का अपना एजेंडे जारी रखा
सीतारमण ने गुरुवार को ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के आईएमएफसी की पूर्ण बैठक में भी भाग लिया। बैठक में चर्चा टीकाकरण, जांच और गति पर केंद्रित थी, जो प्रबंध निदेशक की वैश्विक नीति एजेंडा का विषय है।
आईएमएफसी के सदस्यों ने बैठक में सदस्य देशों द्वारा कोविड का मुकाबला करने और आर्थिक सुधारों की दिशा में किए गए कार्यों और उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली विकसित करने की वकालत
वित्त मंत्री ने कहा कि कम आय वाले देशों और उन्नत देशों में टीकाकरण में भारी अंतर चिंता का विषय है और इस असमानता को दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड का मुकाबला करने के लिए यह जरूरी है कि चिकित्सा अनुसंधान की जानकारी साझा करते हुए सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली विकसित की जाए।