कोलकाता, 20 फरवरी। संदेशखाली केस में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की शुरआती जांच बैठ गई है। सूत्रों की ओर से मंगलवार (20 फरवरी, 2024) को बताया गया कि जल्द इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा सकती हैं। फिलहाल जांच एजेंसी शाहजहां शेख की तलाश में जुटी है।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि उन्हें संदेशखाली जाने से रोका जाएगा पर हाईकोर्ट के आर्डर के बाद वे लोग वहां जा रहे हैं, जबकि वृंदा करात बोलीं- टीएमसी गुंडागर्दी कर रही है। ममता सरकार ने मामले की कोई जांच नहीं कराई है और वे लोग घटना को लेकर साजिश रच रहे हैं।
- NCW की अध्यक्ष ने पुलिस पर उठाए सवाल
वैसे, इससे पहले राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था, “पुलिस भूमिका नहीं निभा रही है. मैं जब गलियों में घूम रही थी तब एसपी साहब कुर्सी पर बैठे थे। वह समझना नहीं चाहते हैं।” इससे पहले भी बीजेपी और विपक्ष के अन्य नेता भी पुलिस पर आरोपी शाहजहां शेख को बचाने का आरोप लगा चुके हैं।
- क्या हुआ है संदेशखाली में?
संदेशखाली में 9 फरवरी से काफी बवाल हो रहा है। दरअसल, यह इलाका टीएमसी के नेता शाहजहां शेख के दबदबे वाला है। शाहजहां शेख राशन घोटाले में 5 जनवरी को ईडी की छापेमारी के दौरान टीम पर हुए हमले के बाद से फरार है। उसके फरार होने के बाद 8 फरवरी से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां शेख और उसके लोग महिलाओं का यौन शोषण भी करते थे। 9 फरवरी को प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शाहजहां समर्थक हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्मों को जला दिया। महिलाओं का दावा था कि वे स्थानीय ग्रामीणों से जबरन छीनी गई जमीन पर बने थे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने भी यहां का दौरा करने के बाद कहा था कि, संदेशखाली में स्थिति काफी गंभीर है।