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NIA की चार्जशीट में खुलासा – PFI का 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने का था एजेंडा

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नई दिल्ली, 21 जनवरी। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने 26 जुलाई, 2022 को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेल्लारे गांव में भाजपा के युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेतरू की हत्या के मामले में प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 20 सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट किए गए 20 पीएफआई सदस्यों में से छह फरार हैं और मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए ईनाम घोषित किए गए हैं।

सर्विस टीम औरकिलर स्क्वॉडनाम गुप्त टीमों का किया था गठन

एनआईए के मुताबिक संगठन का उद्देश्य समाज में आतंक फैलाना और लोगों में डर पैदा करना था। चार्जशीट में कहा गया है कि संगठन का उद्देश्य आतंकवाद, सांप्रदायिक घृणा और समाज में अशांति पैदा करना था और वह 2047 तक भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के एजेंडे को लेकर आगे बढ़ रहा था। पीएफआई अपने ‘कथित दुश्मनों’ और लक्ष्यों की हत्या करने के लिए ‘सर्विस टीम’ या ‘किलर स्क्वॉड’ नामक गुप्त टीमों का गठन किया था।

विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को दायर आरोप पत्र में एनआईए ने उल्लेख किया है कि “इन ‘सर्विस टीम’ के सदस्यों को हथियारों के साथ-साथ हमले का प्रशिक्षण और निगरानी तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया गया था ताकि कुछ समुदायों और समूहों के व्यक्तियों और नेताओं की पहचान करने, उन्हें सूचीबद्ध करने और उन पर निगरानी रखने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके।”

चार्जशीट में एनआईए ने कहा, इन ‘सर्विस टीम’ के सदस्यों को पीएफआई के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर चिह्नित लक्ष्यों पर हमला करने और मारने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। इसको लीड करने की जिम्मेदारी जिला सेवा दल के प्रमुख मुस्तफा पचर को दिया गया था। मुस्तफा ने चार लोगों की खोज की थी, जिनकी हत्या करनी थी। इनमें प्रवीण नेतरू का भी नाम था, जिसकी पिछले वर्ष 26 जुलाई को घातक हथियारों से हमला कर हत्या कर दी गई थी।

आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं 120बी, 153ए, 302 और 34 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 18 और 20 और धारा 25(1)(ए) के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।

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