नई दिल्ली, 16 सितंबर। झारखंड के माओवादी नक्सलियों के कनेक्शन आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से हैं। इससे जुड़ी पुख्ता सूचनाओं और सबूतों के आधार पर एनआईए (NIA) ने जांच शुरू की है। इस मामले में बीते फरवरी महीने में गिरफ्तार किए गए चार माओवादी नक्सलियों को एनआईए ने पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। झारखंड के लातेहार-लोहरदगा के जंगलों में सुरक्षाबलों और पुलिस ने नक्सलियों ने खिलाफ इस साल के फरवरी से लेकर जून तक ऑपरेशन ‘डबल बुल’ चलाया था। इस दौरान एक उग्रवादी दिनेश नगेशिया मुठभेड़ में मारा गया था। वहीं, 10 लाख रुपये का इनामी एक जोनल कमांडर, तीन सब जोनल कमांडर, एक एरिया कमांडर और छह माओवादियों के सक्रिय सदस्य गिरफ्तार किए गए थे।
- नक्सलियों के पास ऐसे पहुंचते हैं हथियार
नक्सलियों के पास से 28 आधुनिक हथियार बरामद किए गए थे। इनमें कई हथियार ऐसे हैं, जो सिर्फ सेना के पास होते हैं। इसकी जानकारी मिलने पर एनआईए ने इस मामले को टेकअप किया था। शुरूआती जांच में ही पता चल गया था कि ऐसे अधिकतर हथियार आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के माध्यम से नक्सलियों को मुहैया कराए गए थे।
- NIA ने इन नक्सलियों को रिमांड पर लिया
जांच को आगे बढ़ाते हुए एनआईए ने ऑपरेशन ‘डबल बुल’ के दौरान गिरफ्तार जिन 4 नक्सलियों को रिमांड पर लिया है, उनमें 5 लाख का इनामी माओवादी सब जोनल कमांडर हेरहंज थाना क्षेत्र के धोडी निवासी दशरथ सिंह खेरवार, 2 लाख का इनामी लोहरदगा के पेशरार थाना क्षेत्र के इचाटांड़ निवासी मारकुस नगेशिया, एक लाख का इनामी लोहरदगा के बगड़ू थाना क्षेत्र के कोरगो निवासी संजय नगेशिया उर्फ मोटा और लोहरदगा के सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के सनल निवासी शीला खेरवार शामिल हैं।