नई दिल्ली, 26 फरवरी। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने देश के सबसे कुख्यात भगोड़े दाऊद इब्राहिम और उसकी डी कम्पनी के अभेद्य किले को भेदने के लिए दुबई में डेरा जमा लिया है।
बताया जा रहा है कि एनआईए की पांच सदस्यीय टीम दुबई में दाऊद इब्राहिम के कनेक्शन और उसकी डी कम्पनी के बारे में पड़ताल कर रही है। सुरक्षा एजेंसी दाऊद के अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क, क्राइम सिंडिकेट के जरिए संचालिच होने वाले तस्करी और हवाला वसूली मामले की परतें उधेड़ने में लगी हुई है।
दरअसल, एनआईए द्वारा बीते तीन महीनों में देशव्यापी 150 जगहों पर मारे गये छापे में ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि डी कम्पनी के तार सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये टेरर फंडिंग से जुड़े हुए हैं। इस कारण एनआईए की एक टीम मामले की गहन पड़ताल के लिए दुबई गई है।
एनआईए ने बीते नवम्बर में दाऊद इब्राहिम कासकर और मामले में शामिल अन्य अपराधियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध गिरोह चलाने के आरोप में चार्जशीट दायर की गई थी। चार्जशीट में आरोप लगाया गया था कि दाऊद अपने गुर्गे के हवाले से भारत में फैलाए जा रहे आतंकी नेटवर्क में काले धन का निवेश कर रहा है। इसके अलावा वह ड्रग्स और हाथियारों की आपूर्ति करता है और अपने वसूली एजेंटों के जरिये जबरन वसूली भी करवा रहा है।
दाऊद पर गंभीर आरोप लगाते हुए चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि डी कम्पनी भारत में कई व्यक्तियों को व्यक्तिगत तौर पर जान से मारने की धमकी देकर बड़ी मात्रा में नकदी जुटाई और जबरन वसूली के उस धन का प्रयोग देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए किया जा रहा है।
एनआईए का आरोप है कि दुबई में बैठे दाऊद के गुर्गे न केवल पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर बल्कि उत्तर भारत के तमाम क्षेत्रों में कनाडा और मलेशिया के जरिये बड़े पैमाने पर ड्रग तस्करी को अंजाम दे रहे हैं।