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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की चेतावनी – निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा अगला वित्तीय संकट

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नई दिल्ली, 21 दिसम्बर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा और उनका अब भी मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और व्यापक आर्थिक व वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करता है।

शक्तिकांत दास ने बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट में कहा, ‘किसी भी अन्य संपत्ति या किसी अन्य उत्पाद के विपरीत क्रिप्टोकरेंसी के बारे में हमारी मुख्य चिंता यह है कि इसमें किसी भी तरह की रेखा नहीं है। निजी क्रिप्टोकरेंसी सिस्टम को तोड़ने के लिए सिस्टम को बायपास करने के लिए अपनी उत्पत्ति का श्रेय देते हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंक की मुद्रा में विश्वास नहीं करते या वित्तीय दुनिया को विनियमित नहीं करते।

क्रिप्टोकरेंसी में कोई रेखांकन नहीं होता, यह 100 फीसदी सट्टा गतिविधि

दास ने कहा कि वे सिस्टम को बायपास और हरा देना चाहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी में कोई रेखांकन नहीं होता है। यह 100 फीसदी सट्टा गतिविधि है। उन्होंने दोहराया, ‘क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए क्योंकि अगर इसे बढ़ने दिया गया तो मेरे शब्दों को चिह्नित करें, अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा।’

आरबीआई गवर्नर ने यूपीआई और सीबीडीसी के बीच अंतर के बारे में भी बात की। उन्होंने डिजिटल करेंसी के महत्व के बारे में भी बताया और जोर देकर कहा कि यूपीआई एक भुगतान प्रणाली है जबकि सीबीडीसी स्वयं एक मुद्रा है। यूपी में बैंकों की मध्यस्थता शामिल है, लेकिन सीबीडीसी मुद्रा नोटों की तरह है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तरार्द्ध में एक स्वचालित स्वीप-इन और स्वीप-आउट सुविधा है, जिसका अर्थ है कि 24 घंटे में उपयोगकर्ता उपयोग नहीं किए जाने पर सीबीडीसी को अपने बैंक खाते में वापस रख सकते हैं।