वाराणसी, 18 अगस्त। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के नवनियुक्त अध्यक्ष अजय राय ने हुंकार भरते हुए कहा है कि उनकी पार्टी अगले वर्ष प्रस्तावित लोकसभा चुनाव में डंके की चोट पर जीतेगी और राहुल गांधी का संदेश घर-घर पहुंचाया जाएगा।
‘राहुल गांधी का सिपाही हूं, शीर्ष नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा‘
प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने के बाद शुक्रवार को गृह जिला वाराणसी लौटने पर भव्य स्वागत के बीच अजय राय ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी का सिपाही हूं। शीर्ष नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगा। कांग्रेस मेरे लिए सिर्फ पार्टी ही नहीं बल्कि मां के समान है। मैं पूरे प्रण और प्राण के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करूंगा।’
‘लोकसभा चुनाव में पार्टी की शानदार वापसी मेरा पहला लक्ष्य‘
अजय राय ने भावी योजनाओं के संदर्भ में कहा, ‘प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व देना, संगठन को क्रियाशील बनाना, दलितों, किसानों, महिलाओं युवाओं और मध्यवर्ग के लोगों को कांग्रेस से जोड़ना मेरा मुख्य लक्ष्य होगा। मेरा पहला लक्ष्य संगठन और 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की शानदार वापसी सुनिश्चित करना है।’
‘राहुल अमेठी से चुनाव लड़ेंगे, प्रियंका चाहें तो वाराणसी से लड़ सकती हैं चुनाव‘
अजय राय ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी दावा किया कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और यदि प्रियंका गांधी वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं तो उनका स्वागत है। अजय राय ने कहा, ‘राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। प्रियंका जी चाहें तो वाराणसी से चुनाव लड़ सकती हैं।’ राहुल गांधी फिलहाल केरल के वायनाड सीट से लोकसभा सांसद हैं।
एयरपोर्ट पर स्वागत को उमड़े कांग्रेसी
इससे पहले वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर अजय राय का स्वागत करने के लिए भारी हुजूम उमड़ा। कांग्रेसजनों ने ढोल नगाड़े के बीच हर-हर महादेव के गगनभेदी जयघोष के साथ अपने नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत किया। स्वागत के लिए वाराणसी के साथ ही जौनपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही, चंदौली, कौशांबी आदि जिलों से भी जिला एवं महानगर अध्यक्ष और कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंचे।
अजय राय के सामने बड़ी चुनौती
अजय राय को ऐसे समय पर कांग्रेस की जिम्मेदारी दी गई है, जब यूपी में पार्टी की हालत बेहद खराब है। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, यहां तक कि निकाय चुनावों में भी कांग्रेस की हालत नहीं सुधर सकी है। ऐसे में अजय राय के सामने कई चुनौतियां हैं।
भाजपा छोड़ सपा में गए थे और अब कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष तक का सफर
अजय राय की गिनती पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में होती है। वह पांच बार वाराणसी की पिंडरा सीट से विधायक रहे हैं। उन्होंने पहली बार 1996 में कोलअसला सीट जीती थी। तब उन्होंने लगातार नौ बार से विधायक बन रहे भाकपा नेता उदल और अपना दल अध्यक्ष सोने लाल पटेल को हराया था। लंबे समय तक भाजपा में रहे अजय राय 2009 के चुनाव में लोकसभा की टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से किनारा कर लिया और सपा में शामिल हो गए थे।
सपा ने 2009 में लोकसभा का टिकट दिया, लेकिन डॉ. मुरली मनोहर जोशी और मुख्तार अंसारी की लड़ाई में वह पिछड़ गए थे। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने 2014 और 2019 में अजय राय को वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रत्याशी बनाया था।
इस दौरान पिंडरा सीट से भी अजय राय ने 2017 और 2022 का चुनाव लड़ा। पिछले वर्ष उन्हें प्रांतीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यूपी के सभी छह प्रांतीय अध्यक्षों में अजय राय सबसे ज्यादा सक्रिय रहे। इसी का परिणाम है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।