नई दिल्ली, 23 दिसम्बर। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के विवादित और बहुप्रतीक्षित चुनाव में भाजपा सांसद व पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय कुमार सिंह ‘बबलू’ की जीत के बाद विरोध का सिलसिला जारी है।
महिला पहलवान साक्षी मलिक के कुश्ती त्यागने के फैसले के बाद शुक्रवार को पहलवान बजरंग पूनिया ने पदक वापसी की घोषणा की थी तो शनिवार को गूंगा पहलवान के नाम से मशहूर वीरेंद्र सिंह ने भी पद्मश्री लौटाने का एलान कर दिया। इस मामले में जहां और खिलाड़ी जुटने लगे हैं वहीं कुछ पूर्व रेसलर्स ने पहलवानों को करिअर पर फोकस करने के लिए कहा है।
फिलहाल WFI के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह ने साक्षी सहित अन्य पहलवानों के विरोध पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘यदि मैं उनके (बृजभूषण शरण सिंह) करीब हूं तो क्या यह अपराध है?’
‘जो एथलीट हैं, वे तैयारी में जुटे’
पहलवान साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने पर संजय सिंह का कहना है, ‘जो लोग एथलीट हैं, उन्होंने तैयारी शुरू कर दी है और जो लोग राजनीति में आना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं। यह उनका निजी मामला है, मैं इस बारे में नहीं बोलूंगा। मैं 12 वर्षों से महासंघ में हूं। सिर्फ इसलिए कि मैं सांसद (बृजभूषण सिंह) का करीबी हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि मैं एक डमी उम्मीदवार हूं। यदि मैं उनके करीब हूं तो क्या यह अपराध है?’
पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण ने कही ये बात
वहीं, WFI के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह का कहना था, ‘कुछ मुद्दों के कारण देश में राष्ट्रीय या राज्यस्तरीय कुश्ती प्रतियोगिताएं 11 महीने के लिए रुकी हुई थीं। हमने 28 दिसंबर से 31 दिसंबर तक अंडर-15 और अंडर-20 कुश्ती प्रतियोगिताएं आयोजित करने की घोषणा की है। यदि ये टूर्नामेंट 31 दिसम्बर के अंदर आयोजित नहीं हुए तो पहलवानों का पूरा एक साल प्रभावित होगा।’