Site icon hindi.revoi.in

गुजरात में नई ब्यूरोक्रेसी : राजकुमार ने संभाला मुख्य सचिव का कार्यभार, विकास सहाय को डीजीपी का चार्ज

Social Share

अहमदाबाद, 31 जनवरी। गुजरात में लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव हो गया। 1987 बैच के आईएएस अधिकारी राजकुमार ने नए मुख्य सचिव का कार्यभार संभाल लिया तो दूसरी तरफ डीजीपी (ट्रेनिंग) विकास सहाय को चार्ज सौंप दिया गया।

दरअसल अगस्त, 2020 से राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की जिम्मेदारी संभाल रहे आशीष भाटिया सेवानिवृत्त हो गए। 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी भाटिया पूर्व में ही रिटायर हो गए थे। लेकिन सरकार ने दो बार एक्टेंशन दिया था। अब भाटिया ने विकास सहाय को चार्ज सौंपा।

गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी विकास सहाय अगले आदेश तक डीजीपी का कार्यभार भी संभालेंगे। अब ये दोनों अधिकारी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नए सारथी के तौर काम करेंगे।

गुजरात के सेवानिवृत्त हुए मुख्य सचिव पंकज कुमार ने राजकुमार को गुलदस्ता भेंट कर चार्ज सौंपा। गुजरात कैडर के वरिष्ठ नौकरशाहों में शामिल राजकुमार अब तक अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

बदायूंवासी राजकुमा ने 1987 में बतौर आईएएस शुरू की थी सिविल सेवा

उत्तर प्रदेश के बदायूं में 6 जनवरी, 1965 को जन्मे राजकुमार ने बतौर आईएएस 28 अगस्त, 1987 को सिविल सेवा की शुरुआत की थी। राजकुमार ने कानपुर स्थित आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने टोक्यो से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री ली है।

बिहार के हैं विकास सहाय

वहीं 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी विकास सहाय बिहार के रहने वाले हैं और उनकी स्कूली शिक्षा धनबाद में हुई थी। वह गांधीनगर स्थित पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। डीजीपी (ट्रेनिंग) के साथ अब सहाय राज्य के डीजीपी की जिम्मेदारी भी संभालेंगे।

सहाय को गुजरात रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी स्थापित करने का भी श्रेय

इतिहास में एमए तक की शिक्षा हासिल करने वाले सहाय अपने पुलिस सेवा के करिअर में यूएन पीस कीपिंग मिशन में भी काम कर चुके हैं। सहाय सबसे पहले 1999 में राज्य के आणंद जिले के एसपी बने थे। इसके बाद उन्होंने एसपी अहमदाबाद रुरल, अहमदाबाद के डीसीपी के दौर पर जोन 2 और तीन में काम किया। फिर उन्हें अहमदाबाद में ही डीसीपी ट्रैफिक बना दिया गया था। इसके बाद वह 2010 में सीआईडी और आईबी के आईजी बने। उन्हें गुजरात रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी स्थापित करने का भी श्रेय दिया जाता है।

Exit mobile version