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इजराइल व हमास के बीच युद्ध विराम पर सहमति को नेतन्याहू कैबिनेट ने दी मंजूरी, रविवार से लागू होगा

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येरुशलम, 18 जनवरी। इजराइल की कैबिनेट ने हमास के साथ गाजा पट्टी में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने शनिवार को बताया कि यह समझौता रविवार से लागू होगा।

24 मंत्रियों ने समझौते के पक्ष में वोट दिया, 8 ने विरोध किया

इजराइली कैबिनेट ने शनिवार तड़के छह घंटे तक चली बैठक के बाद इस 15 माह पुराने संघर्ष को समाप्त करने का रास्ता साफ करने वाले समझौते को मंजूरी दी। इजराइली कैबिनेट के कुछ मंत्रियों ने इस समझौते का विरोध किया। 24 मंत्रियों ने समझौते के पक्ष में वोट दिया, जबकि आठ ने इसका विरोध किया। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, ‘सरकार ने बंधकों की वापसी के लिए समझौते को मंजूरी दी है, जो रविवार से प्रभावी होगा।’ हालांकि, गाजा में संघर्ष विराम समझौते के बावजूद इजराइली वायुसेना ने हमला जारी रखा है।

तीन चरणों में लागू होगा संघर्ष विराम

इस समझौते के तहत संघर्ष विराम तीन चरणों में लागू होगा। पहले चरण में, छह हफ्तों तक इजराइल में कैद सभी फिलिस्तीनी महिलाओं और 19 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को रिहा किया जाएगा। बदले में, हमास 98 इजराइली बंधकों में से 33 को रिहा करेगा, जिनमें महिलाएं, बच्चे और 50 साल से अधिक उम्र के पुरुष शामिल हैं। इसी क्रम में इजराइली न्याय मंत्रालय ने शनिवार को उन 95 फिलिस्तीनी कैदियों के नाम जारी किए, जिन्हें रविवार को रिहा किया जाएगा। समझौते के तहत हर सात दिन में कुछ और बंधकों को रिहा किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि गाजा में युद्ध के कारण अब तक 46,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 23 लाख की आबादी विस्थापित हुई है। लोग भुखमरी, ठंड और बीमारियों से जूझ रहे हैं। समझौते के तहत, गाजा में राहत सामग्री की आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां खाद्य पदार्थ, ईंधन और दवाइयां पहुंचाने के लिए तैयार हैं।

UNRWA के पास गाजा तक पहुंचाने के लिए 4000 ट्रक राहत सामग्री तैयार

इसके पूर्व संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी (UNRWA) ने शुक्रवार को बताया कि उसके पास 4,000 ट्रक राहत सामग्री तैयार है, जिनमें से आधी खाद्य सामग्री है। गाजा के लोगों को उम्मीद है कि यह संघर्ष विराम उनके जीवन को आसान बनाएगा। विस्थापित फिलिस्तीनी रीहम शेख अल-ईद ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यह समझौता लागू हो ताकि हम अपने घरों में खाना बना सकें और किचन में लंबी लाइनों में खड़े होने से बच सकें।’

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