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यूपी : बिजलीकर्मियों से वार्ता विफल, हड़ताल से पहले ही कई जिलों में आपूर्ति प्रभावित, उपकेंद्रों पर ताला लगा

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वाराणसी, 16 मार्च। उत्तर प्रदेश में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर आमादा बिजली कर्मचारियों की शासन-प्रशासन से वार्ता विफल हो गई है। बिजलीकर्मियों की हड़ताल पूर्व घोषणा के अनुसार गुरुवार की रात दस बजे से शुरू होगी। वाराणसी में विद्युत मजदूर संघर्ष समिति ने भिखारीपुर स्थित एमडी कार्यालय के सामने हुई जनसभा में वक्ताओं ने कहा कि अंतिम समय तक संघर्ष जारी रहेगा। ऊर्जा प्रबंधन इस आंदोलन से बिजलीकर्मियों को हिला नहीं सकता।

इस बीच कार्य बहिष्कार के चलते हड़ताल शुरू होने के पहले ही शहर की आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित हो गई है। कर्मचारियों ने कुछ उपकेंद्रो पर ताला लगा दिया है। लोगों की शिकायतें नहीं लिखी जा रही हैं। बुधवार की रात कई इलाकों में बिजली गुल रही। गुरुवार को भी यही हाल रहा। चौकाघाट, कज्जाकपुरा, भेलूपुर समेत लगभग 24 फीडरों से आपूर्ति बाधित है, जिसके चलते उपभोक्ताओं को पानी की समस्या से जूझना पड़ा।

गोंडा में अंधेरे में हजारों उपभोक्ता

गोंडा में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से 45000 उपभोक्ता परेशान हैं। जिले के पांच उपकेंद्र बंद हो गए है । कार्य बहिष्कार के कारण जनपद ज़िले के विभिन्न उपकेन्द्रों के दर्जनों फीडर बन्द हैं। इसमे प्रमुख रूप से रघुराज नगर टिकरी, मोहनपुर, को वजीरगंज उपकेन्द्र की सप्लाई, नवाबगंज उपकेन्द्र का 11 केवी फीडर, वजीरगंज एवं ढेमवा फीडर, परसपुर उपकेन्द्र का त्योरासी फीडर तथा खरगूपुर उपकेन्द्र का देवतहा एवं साउथ फीडर कल से बन्द है। साथ ही साथ खरगूपुर आईपीडीएस टाउन उपकेन्द्र का 250 केवीए उपकेन्द्र का ट्रांसफार्मर खराब हो गया है। जिसके कारण 40 से 45 हजार उपभोक्ता अंधेरे में है।

मथुरा में डैंपियर के आधे हिस्से में नहीं है लाइट

मथुरा में बिजलीकर्मियों के आंदोलन का असर लोगों पर पड़ने लगा है, जहां फॉल्ट के कारण बिजली गुल हो रही है, वहां लोग परेशान हो रहे हैं। डैंपियर नगर के आधे हिस्से में गुरुवार सुबह से लाइट नहीं है। बताया गया कोई खराबी आ जाने के कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है, जिसे सही ही नहीं किया जा रहा। ऐसे में यहां के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर हड़ताल शुरू हो गई तो यह परेशानी और भी बढ़ सकती है।

ऊर्जामंत्री की चेतावनी का असर नहीं

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से पहले ऊर्जामंत्री एके शर्मा ने चेतावनी भी दी, लेकिन उसका असर नहीं दिख रहा है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने चेतावनी दी है कि विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न करने व कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त काररवाई होगी।

क्या है मामला

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे के अनुसार ऊर्जा मंत्री ने तीन दिसंबर को हुए समझौते में 15 दिन का समय दिया था। लेकिन 112 दिन बीत जाने के बाद भी उस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। ऊर्जा निगमों की हठधर्मिता के चलते कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने को बाध्य किया जा रहा है। दुबे ने कहा कि विद्युतकर्मियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर 16 मार्च को देश के सभी प्रांतों में यूपी के बिजलीकर्मियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

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