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भारतीय खेलों के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया नीरज चोपड़ा का नाम

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नई दिल्ली, 28 अगस्त। अपना वजन कम करने के लिये खेलना शुरू करने वाले नीरज चोपड़ा का हरियाणा के एक गांव से भारत के महानतम खिलाड़ियों में नाम दर्ज कराने तक का सफर इतना गौरवमयी रहा है कि हर कदम पर एक नयी विजयगाथा वह लिखते चले जा रहे हैं । दो साल पहले तोक्यो में उन्होंने ओलंपिक ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में भारत की झोली में पहला पीला तमगा डाला। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 23 साल थी और महान निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले वह दूसरे भारतीय बने।

खेलों के महासमर में एथलेटिक्स में लंबे समय से पदक का सपना संजोये बैठे भारत को रातोंरात मानों एक चमकता हुआ सितारा मिल गया । पूरा देश उसकी कामयाबी की चकाचौंध में डूब गया और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में दस मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। इससे पहले भारतीय हॉकी टीम ने भारत की झोली में आठ स्वर्ण डाले थे। अब रविवार को बुडापेस्ट में विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतकर चोपड़ा ने भारतीयों को गौरवान्वित होने का एक और मौका दिया है।10:38 AM

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