पटना, 28 जनवरी। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजनीतिक बिसात में अंततः एक बार फिर विपक्ष को तगड़ा झटका दिया और I.N.D.I.A. गठन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार को एक झटके में महागठबंधन से अपने पाले में खींचकर बिहार में फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) राज स्थापित करा दिया।
माननीय राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर @rajendraarlekar ने राजभवन के राजेन्द्र मंडप में श्री नीतीश कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। pic.twitter.com/a1gk8aNHS3
— Raj Bhavan, Bihar (@GovernorBihar) January 28, 2024
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन के बड़े सहयोगी वयोवृद्ध लालू प्रसाद यादव की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का साथ छोड़ रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे अपने पद से त्यागपत्र दिया और शाम पांच बजे भाजपा के सहयोग से 9वीं बार सीएम पद की शपथ ले ली।
शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए
राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता के रूप में शपथ दिलाई। उनके साथ भाजपा के दो नेताओं – सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली है। समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा सहित एनडीए के अन्य नेता शामिल हुए।
#Live :- राजभवन में मुख्यमंत्री एवं मंत्रिपरिषद के सदस्यों काशपथग्रहणसमारोह। https://t.co/3xSAVOQC9Q
— Janata Dal (United) (@Jduonline) January 28, 2024
नीतीश कुमार के अलावा कुल 8 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जय श्रीराम के नारे भी सुनाई दिए। नीतीश के अलावा कुल आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें जदयू और भाजपा से तीन-तीन, हिन्दुस्तान अवाम पार्टी (HAM) से एक और एक निर्दलीय विधायक शामिल हैं। शपथ लेने वाले अन्य विधायकों में जदयू के विजय कुमार चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव व श्रवण कुमार भाजपा के डॉ. प्रेम कुमार के अलावा ‘हम’ के संतोष कुमार ‘सुमन’ और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह रहे।
सम्राट व विजय पिछले एक वर्ष से नीतीश के खिलाफ लगातार मुखर रहे थे
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सबसे पहले नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। इसके बाद सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। नीतीश के नए डिप्टी सम्राट चौधरी मौजूदा समय भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष हैं। नीतीश के महागठबंधन में जाने के बाद भाजपा ने उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी थी। पिछले एक वर्ष में वह लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ मुखर होकर राजनीति कर रहे थे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व में स्पीकर रह चुके विजय सिन्हा भी नीतीश के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक मुखर रहे थे।
जदयू के दूसरे नंबर के नेता विजय चौधरी ने चौथे नंबर पर ली शपथ
चौथे नंबर पर सीएम नीतीश के खास माने जाने वाले जेडीयू नेता विजय चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली। महागठबंधन सरकार में उनके पास वित्त विभाग की जिम्मेदारी थी। बिहार सरकार में वह जदयू से नंबर दो के नेता माने जाते हैं। जदयू के एक अन्य वरिष्ठ नेता एवं सुपौल से विधायक बिजेंद्र प्रसाद यादव ने पांचवें नंबर पर शपथ ग्रहण की।
प्रेम कुमार पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं
इसके बाद बीजेपी नेता डॉ. प्रेम कुमार को शपथ दिलाई गई। वे पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं। सातवें नंबर पर जेडीयू विधायक श्रवण कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली। वह नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से आते हैं। पिछली सरकार में वह ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री थे।
जीतन राम मांझी के बेटे व HAM के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन भी कैबिनेट में शामिल
उनके बाद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे एवं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने शपथ ग्रहण की। मांझी की पार्टी ने नीतीश की नई सरकार को समर्थन दिया है। HAM से बिहार विधानसभा में चार विधायक हैं। सबसे अंत में निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की। इससे पहले एनडीए और महागठबंधन की सरकारों में भी वह मंत्री रह चुके हैं। सुमित सिंह को भी नीतीश का करीबी माना जाता है।
दो दशक से सत्ता के केंद्र में रहे नीतीश के नाम रिकॉर्ड कायम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात करें तो नौवीं बार बिहार की बागडोर संभालने वाले वह इकलौते नेता हैं। बिहार में ऐसा कोई नेता अब तक नहीं हुआ, जो इतने लंबे समय तक मुख्यमंत्री बना। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि बीते दो दशक के दौरान बिहार में सत्ताधारी गठबंधन बदलते रहे, लेकिन सत्ता के केंद्र में नीतीश कुमार ही रहे।
कब-कब सीएम बने नीतीश
नीतीश कुमार सबसे पहले वर्ष 2000 के मार्च महीने में पहली बार सीएम बने। हालांकि, तब उनकी सरकार सिर्फ सात दिनों तक चली और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। नीतीश ने इसके बाद वर्ष 2005 में भाजपा संग चुनाव लड़ा और सरकार बनाई।
उन्होंने दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। एनडीए के सहयोग से नीतीश कुमार वर्ष 2010 में तीसरी बार सीएम बने। इसके बाद फरवरी 2015, नवम्बर 2015, जुलाई 2017 फिर 2020, 2022 और अब आज (28 जनवरी, 2024) उन्होंने नौवीं बार राज्य की सत्ता संभाली।