नई दिल्ली, 3 मार्च। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने कथित रूप से ‘नाबालिग की तस्वीर’ ट्विटर पर साझा करने को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा व आतिशी के खिलाफ जांच और आवश्यक काररवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखी है।
ट्विटर पर ‘नाबालिग की तस्वीर’ साझा करने का आरोप
बाल संरक्षण आयोग ने पत्र में आरोप लगाया है कि ‘राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने’ के लिए ये तस्वीरें साझा की गईं। आयोग ने यह भी पाया कि नेताओं द्वारा कथित रूप से तस्वीर साझा करने का उद्देश्य मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई द्वारा जारी जांच से ध्यान भटकाना था। राउत और चड्ढा, दोनों ही राज्यसभा सदस्य हैं जबकि आतिशी दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की विधायक हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 2021-22 आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हाल में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। सिसोदिया के पास शिक्षा सहित दिल्ली सरकार के 18 विभागों का प्रभार था।
एनसीपीसीआर ने कहा कि उसे राउत और चड्ढा के सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में शिकायत मिली है, जिन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर ऐसी तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी नेता एवं राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया स्कूलों में नाबालिग बच्चों के साथ दिख रहे हैं।
आयोग ने दिल्ली पुलिस से किशोर न्याय कानून के तहत काररवाई करने को कहा
आयोग ने कहा कि इस मामले की जांच और आवश्यक कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा गया है, जिसकी प्रति दिल्ली के मुख्य सचिव को भेजी गई है। पत्र में आयोग ने दिल्ली पुलिस से किशोर न्याय कानून के तहत उचित काररवाई करने को कहा है। आतिशी के मामले में आयोग ने कहा है कि ‘बच्चों की सहमति के बिना उनकी तस्वीरों को साझा करने और इनका उपयोग करके अपने व्यक्तिगत एजेंडे को बढ़ाने के वास्ते अपने पद और शक्ति का दुरुपयोग करने’ के लिए आतिशी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।