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एनसीपी की काररवाई : अजित पवार के शपथ समारोह में शामिल होने वाले तीन नेता बर्खास्त

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मुंबई, 3 जुलाई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री के रूप में अपने भतीजे अजित पवार के शपथ समारोह में भाग लेने के लिए पार्टी के तीन नेताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की काररवाई को उन लोगों के लिए एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने बागी अजित पवार का समर्थन किया था। निष्कासित नेताओं में मुंबई मंडल राकांपा प्रमुख नरेंद्र राठौड़, अकोला शहर जिला प्रमुख विजय देशमुख और राज्य मंत्री शिवाजीराव गर्जे शामिल हैं। ये तीनों अजित पवार के शपथ समारोह में शामिल हुए थे।

अनुशासन समिति का 9 विधायकों को अयोग्य ठहराने का आह्वान

एनसीपी की अनुशासन समिति ने उन नौ विधायकों को अयोग्य ठहराने का आह्वान किया है, जिन्होंने सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन के साथ विद्रोह में अजित पवार का समर्थन किया था। एनसीपी की अनुशासन समिति ने कहा, “नौ विधायकों की ये हरकतें तत्काल अयोग्यता की मांग करती हैं। यदि उन्हें सदस्य के रूप में बने रहने की अनुमति दी गई, तो इस बात की बहुत वास्तविक संभावना है कि वे पार्टी के हितों को कमजोर करने की कोशिश करते रहेंगे।’

अजित पवार के शपथ समारोह में पार्टी के वे नौ विधायक शामिल हुए थे

फिलहाल घटनाक्रम में अचानक आए इस बदलाव से अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम को लेकर हफ्तों से चल रही अटकलें बंद हो गईं, जिससे उनके चाचा शरद पवार को झटका लगा। रविवार को राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस ने अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, जहां नौ अन्य एनसीपी नेता – जिनमें से कुछ शरद पवार के करीबी सहयोगी भी शामिल हुए।

हालांकि 83 वर्षीय शरद पवार ने बहादुर चेहरा दिखाया और अपने भतीजे के विद्रोह को ‘डकैती’ कहा। वहीं अजित पवार ने भाजपा के साथ सत्ता साझा करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा ‘यदि हम शिवसेना के साथ जा सकते हैं तो हम भाजपा के साथ भी जा सकते हैं। नगालैंड में भी यही हुआ था।’ उन्होंने कहा कि राकांपा में कोई विभाजन नहीं है, यह पार्टी उनके चाचा ने 1999 में कांग्रेस छोड़ने के बाद स्थापित की थी।