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संसद का विशेष सत्र : एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने पीएम मोदी के भाषण की सराहना की

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नई दिल्ली, 18 सितम्बर। संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांस सुप्रिया सुले ने राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान कुछ ऐसा कहा, जिसे सुनकर सब चौंक गए। दरअसल, हमेशा मोदी सरकर पर हमलावर रहने वाली सुप्रिया सुले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर दी।

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘मैं आज प्रधानमंत्री के भाषण की सराहना करती हूं, जहां उन्होंने सराहना की कि शासन निरंतरता है। इस देश के निर्माण में पिछले सात दशकों में विभिन्न लोगों ने योगदान दिया है, जिसे हम सभी समान रूप से प्यार करते हैं। चाहे आप इसे इंडिया कहें या भारत, यह आपका अपना देश है। हम सभी यहीं पैदा हुए हैं, हम सभी यहां आकर धन्य हैं।’

सुप्रिया ने सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का विशेष रूप से जिक्र किया

सुप्रिया सुले ने आगे कहा, ‘मैं उन दो लोगों को रिकॉर्ड पर रखना चाहूंगी, जिनका आज भाजपा ने उल्लेख नहीं किया है, जिनसे मैं अपने संसदीय कार्यों में अत्यधिक प्रभावित रही हूं, जो भाजपा से आते हैं। मुझे अब भी लगता है कि वे सबसे बड़े नेताओं में से एक थे और असाधारण सांसद थे, जिनका हम आदर करते थे – सुषमा स्वराज और अरुण जेटली। वे लगातार सहकारी संघवाद की बात करते रहे। न इस तरफ न उस तरफ, अच्छे काम को स्थापित करना है।’

संसद के पुराने भवन में आखिरी दिन पीएम मोदी का भावनात्मक संबोधन

गौरतलब है कि संसद के पुराने भवन में ये आज आखिरी दिन है। मंगलवार, 19 सितम्बर से संसद नए भवन में शिफ्ट हो जाएगी। इस मौके पर पीएम मोदी ने भी भावुक करने वाली बात कही। उन्होंने लोकसभा में संबोधन के दौरान कहा, ‘जब मैंने पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में प्रवेश किया, तो सहज रूप से मैंने इस सदन के द्वार पर अपना शीश झुकाकर, इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन किया था। वो पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था।’

‘रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला गरीब परिवार का बच्चा पार्लियामेंट में पहुंच गया

पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं कभी कल्पना भी नहीं कर सकता था, लेकिन ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है और भारत के सामान्य मानवी की लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक गरीब परिवार का बच्चा पार्लियामेंट में पहुंच गया।’

इस सदन से विदा लेना बहुत ही भावुक पल

पीएम ने कहा, ‘इस सदन से विदा लेना बहुत ही भावुक पल है। परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर में जाता है, तो बहुत सी यादें उसे झकझोर देती हैं। जब हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं, तो हमारा मन भी उन यादों से भरा है। खट्टे मीठे अनुभव रहे हैं, नोंक झोक भी रही है। ये सारी यादें, हम सभी की साझी विरासत है। इसका गौरव भी हम सभी का साझा है। हम भले नए भवन में जाएंगे, लेकिन पुराना भवन यानि यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।’

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