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समीर वानखेड़े अब दलित संगठनों के निशाने पर, फर्जी दस्तावेज मामले में स्क्रूटनी कमेटी से शिकायत

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मुंबई, 4 नवंबर। क्रूज ड्रग्स केस में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान के पुत्र आर्यन खान सहित अन्य की गिरफ्तारी करने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं और क्रूज ड्रग्स केस की जांच के बीच वह खुद ही कई मामलों में फंसते दिख रहे हैं। इसी क्रम में अब दलित सगंठनों ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और फर्जी दस्तावेज मामले में स्क्रूटनी कमेटी से उनकी शिकायत दर्ज कराई है।

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीसी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने जब से समीर वानखेड़े के जन्म से मुस्लिम होने  का दावा किया है और उनपर फर्जी कागजात दिखा नौकरी लेने का आरोप लगाया है, उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं।

सरकारी नौकरी में आरक्षण पाने के लिए फर्जी कागजात दिखाने का आरोप

स्वाभिमानी रिपब्लिकन आर्मी और भीम आर्मी की तरफ से दावा किया गया है कि समीर वानखेड़े ने नौकरी पाने के लिए खुद को अनुसूचित जाति (एससी) का बताया था। आरक्षण पाने के लिए समीर की तरफ से फर्जी कागज दिखाए गए थे। इन आरोपों के बीच इन दलित संगठनों ने जिला जाति स्क्रूटनी कमेटी के पास एक शिकायत दर्ज कराई है।

हालांकि समीर वानखेड़े कुछ दिन पहले ही दिल्ली में अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के दफ्तर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने अपना जाति प्रमाण पत्र, पहली पत्नी से हुए बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट और तलाक के कागजात सौंपे थे। अभी आयोग उन कागजों की जांच कर रहा है, लेकिन उससे पहले ही उनपर आरोप लगने शुरू हो गए हैं।

समीर के मुस्लिम या दलित होने पर आरोप-प्रत्यारोप जारी

गौरतलब है कि नवाब मलिक की ओर से समीर की जाति को लेकर उठाए गए सवाल के बाद से ही विवाद जारी है कि वह मुस्लिम हैं या दलित। इन आरोपों के बीच समीर वानखेड़े के पिता ने जोर देकर कहा है कि वे और उनका बेटा दलित ही हैं। मुस्लिम धर्म से उनका कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन समीर की पहली पत्नी के पिता का कहना है कि उनकी बेटी की एक मुस्लिम परिवार में शादी हुई थी और वहां पर सभी इस्लामिक रीति-रिवाजों का पालन हुआ था। ऐसे में दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

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