जम्मू/श्रीनगर, 8 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के वयोवृद्ध नेता व पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने 10 वर्षों बाद हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा जनादेश हासिल किया है जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है। इसी प्रकार कांग्रेस क्रमश: तीसरे स्थान पर रही। लेकिन महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को जबर्दस्त नुकसान हुआ और वह चौथे स्थान पर पिछड़ गई।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए अंतिम आंकड़ों के अनुसार एनसी को राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 42 सीटें मिलीं। इस जनादेश को लेकर एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ली ने कहा, ‘लोगों ने अपना जनादेश दे दिया है। उन्होंने साबित कर दिया है कि वे पांच अगस्त (धारा 370 का निरस्तीकरण) को लिए गए फैसले को स्वीकार नहीं करते।’ उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला राज्य के नए सीएम बनेंगे।
वहीं भाजपा के खाते में 29 सीटें आई हैं। भाजपा ने जम्मू रीजन में शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं एनसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही कांग्रेस के खाते में छह सीटें आई हैं। इस प्रकार एनसी व कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटों के साथ बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है और राज्य में नई सरकार का गठन करने को तैयार है।
पीडीपी चौथे स्थान पर पिछड़ी, महबूबा की बेटी इल्तिजा भी परास्त
वहीं महबूबा मुफ्ती की पीडीपी के खाते में महज तीन सींटे आई हैं। महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी श्रीगुफवारा-बिजबेहरा विधानसभा सीट से चुनाव हार गईं। पिछले चुनाव (2014) में पीडीपी 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और 25 सीटें जीतने वाली भाजपा के साथ मिलकर उसने संयुक्त सरकार बनाई थी और महबूबा ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। हालांकि 2018 में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया था और फिर राज्य में राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया था।
AAP ने जम्मू-कश्मीर भी खोला खाता, डोडा से जीते मेहराज मलिक
दिलचस्प यह रहा कि आदमी पार्टी ने अब जम्मू-कश्मीर में भी अपना खाता खोल लिया है। डोडा सीट से ‘आप’ उम्मीदवार मेहराज मलिक जीत गए हैं। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार गजय सिंह राणा को 4,538 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की है। सीपीआई(एम) और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को एक-एक सीट मिली हैं जबकि 7 निर्दलीय उम्मीदवार इस चुनाव में जीते हैं।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन चरणों में मतदान हुआ। राज्य में पांच अगस्त, 2019 को धारा 370 के निरस्तीकरण के बाद पहली बार चुनाव हुआ है।