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सुप्रीम कोर्ट से नवजोत सिंह सिद्धू को एक वर्ष की सजा, शीर्ष अदालत ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में बदला अपना फैसला

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नई दिल्ली, 19 मई। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को 34 वर्ष पुराने रोड रेज के एक मामले में एक वर्ष की जेल की सजा सुनाई। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक हजार रुपये का जुर्माने पर छोड़ दिया था। अब सिद्धू के पास दो विकल्प है। पहला तो यह कि वह खुद सरेंडर कर दें या फिर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे।

वर्ष 1988 में सिद्धू के मुक्के से एक बुजुर्ग की मौत हुई थी

गौरतलब है कि 1988 में नवजोत सिंह सिद्धू पर रोड रेज का एक मामला दर्ज हुआ था। इस केस में सिद्धू पर आरोप था कि उन्होंने एक बुजुर्ग के साथ मारपीट की थी। दरअसल, कथित तौर पर सिद्धू ने पटियाला में पार्किंग को लेकर एक 65 वर्ष के बुजुर्ग को मुक्का मार दिया था, जिसके बाद उस बुजुर्ग की मौत हो गई थी। पुलिस ने तब नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था।

हाई कोर्ट ने पहले सुनाई थी सजा

हत्या का यह मामला अदालत तक पहुंचा था, जहां पर सेशन कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को सबूतों में अभाव में 1999 में बरी कर दिया था। वहीं इस फैसले के बाद बुजुर्ग के घर वालों ने हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसने सिद्धू को तीन वर्ष की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

सिद्धू ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती

सिद्धू ने हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जहां पर कोर्ट ने कांग्रेस नेता को दोषी तो ठहराया था, लेकिन केवल एक हजार रुपये के जुर्माने पर उन्हें बरी कर दिया था। फिलहाल कुछ महीने पहले बुजुर्ग के घर वालों ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिद्धू को एक वर्ष की सजा सुनाई है।