नई दिल्ली, 20 मई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1988 के रोड रेज मामले में एक साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा है। अदालत ने इसके जवाब में उन्हें भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस मामले को रखने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को 34 साल पुराने रोडरेज मामले में गुरुवार को एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिर्फ एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर सिद्धू को छोड़ दिया था। लेकिन पीड़ित परिवार की पुनर्विचार याचिका के बाद अदालत ने अपना फैसला बदल दिया।
हाल के वर्षों में यह पहला मामला है, जब सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर बरी किए गए शख्स को दंड दिया है। पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘हमें लगता है कि रिकॉर्ड में एक त्रुटि स्पष्ट है। इसलिए, हमने सजा के मुद्दे पर पुनर्विचार आवेदन को स्वीकार किया है। लगाए गए जुर्माने के अलावा, हम एक साल के कारावास की सजा देना उचित समझते हैं।’
पीठ ने कहा कि मृतक 65 वर्ष का था जबकि सिद्धू हट्टे कट्टे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर थे और वह अपने मुक्कों के प्रहार का असर जानते थे। वह एक 65 वर्षीय व्यक्ति को पीट रहे थे, उन्हें निर्दोष नहीं मान सकते।
सिद्धू बोले – फैसले का सम्मान करूंगा
सजा के बारे में पूछे जाने पर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, ‘कोई टिप्पणी नहीं, मैं फैसले का सम्मान करूंगा।’ दूसरी तरफ पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई।