नई दिल्ली, 29 सितम्बर। पंजाब कांग्रेस में नए सियासी तूफान के बीच प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देना इस बार नवजोत सिंह सिद्धू को महंगा पड़ सकता है क्योंकि पार्टी आलाकमान उनके रवैये से बेहद नाराज है और इसे लेकर अब तक दोनों पक्ष में कोई बातचीत नहीं हुई है।
नए प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में रवनीत सिंह बिट्टू शामिल
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस बार सिद्धू को नहीं मनाएगी। इतना ही नहीं पार्टी ने पंजाब में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन भी शुरू कर दिया है। इस दौड़ में रवनीत सिंह बिट्टू का नाम सबसे आगे चल रहा है।
सूत्रों का कहना है कि सिद्धू के इस्तीफे से कांग्रेस आलाकमान नाराज है और उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जा सकता है। हालांकि, सिद्धू का इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया गया है और उनसे कहा गया कि राज्य स्तर पर उनका मसला हल किया जाना चाहिए।
सिद्धू की वजह से दुबारा हुई कांग्रेस की किरकिरी
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत को मंगलवार की रात चंडीगढ़ पहुंचना था, लेकिन अब बताया जा रहा है कि वह आज पहुंचेंगे। फिलहाल माना जा रहा है कि सिद्धू की वजह से दुबारा हुई किरकिरी कांग्रेस अब बर्दाश्त नहीं करेगी।
पार्टी सूत्रों की मानें तो सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं कर कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व उन्हें समय देना चाहता है, लेकिन अगर वह नहीं माने तो सख्त कदम भी उठाया जा सकता है। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई है। सूत्रों का यह भी कहना था कि कैबिनेट बैठक में जो मंत्री नहीं आएंगे, उनपर भी काररवाई हो सकती है।
सीएम चरणजीत चन्नी के कुछ फैसलों से नाराज हैं सिद्धू
गौरतलब है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद सिद्धू को गत 23 जुलाई को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। बाद में अमरिंदर सिंह ने स्वयं को अपमानित महसूस करते हुए इसी माह 18 सितम्बर को इस्तीफा दे दिया थे और चरणजीत चन्नी की नए मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हुई थी।
फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल कुछ चेहरों और नए सीएम के कुछ फैसलों को लेकर सिद्धू फिर नाराज हो गए और उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनके समर्थन में चन्नी सरकार के मंत्री सहित कई बड़े नेताओं के इस्तीफों की झड़ी लग गई। सिद्धू के करीबी माने जाने वाली एक मंत्री के साथ ही अन्य तीन कांग्रेसी नेताओं ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था।