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ओडिशा में 24 वर्षों बाद नवीन पटनायक से छिनेगी सत्ता, पहली बार सरकार बनाने की राह में भाजपा

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भुवनेश्वर, 4 जून। प्रभु जगन्नाथ की पावनधरा यानी ओडिशा लगभग ढाई दशक बाद बड़े राजनीतिक बदलाव के लिए तैयार है। 147 सीटों वाली राज्य विधानसभा के लिए मंगलवार को जारी मतगणना के रुझान यही संकेत दे रहे हैं कि नवीन पटनायक के नेतृत्व में पिछले 24 वर्षों से जारी बीजू जनता दल (BJD) की सत्ता छिनेगी और इसके एवज में भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्य में पहली बार सरकार बनाने की राह में आ खड़ी हुई है।

राज्य की लोकसभा सीटों पर भी भाजपा का वर्चस्व

यही नहीं वरन भाजपा का ओडिशा की लोकसभा सीटों में भी शानदार प्रदर्शन दिख रहा है। ओडिशा की 21 सीटों में से 19 सीटों पर भाजपा आगे है जबकि बीजेडी मात्र एक सीट पर आगे दिख रही है। कांग्रेस भी एक सीट पर आगे है।

ओडिशा विधानसभा चुनाव परिणाम अपडेट

विधानसभा की मतगणना में शाम साढ़े पांच बजे तक की सूचना के अनुसार भाजपा बहुमत के आंकड़े (74) से पार जाते हुए 81 सीटों पर आगे थी। इनमें आठ सीटें उसके उम्मीदवार जीत चुके थे। भाजपा उत्तर ओडिशा के साथ बारगढ़, कालाहांडी, बालंगीर, पुरी, संभलपुर और क्योंझर में शानदार प्रदर्शन कर रही है।

वर्ष 2019 में बीजद को 113 सीटों पर मिली थी जीत

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजद को 113 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 23 सीटें जीतकर भाजपा मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी। बीजद इस बार 49 सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है। अंतिम समाचार मिलने तक कांग्रेस को 14, सीपीआई (एम) को एक और निर्दलीय प्रत्याशी तीन सीटों पर आगे थे।

उल्लेखनीय है कि नवीन पटनायक कभी एनडीए का ही हिस्सा हुआ करते थे। लेकिन 2009 में वह एनडीए से अलग हो गए थे और उसके बाद ओडिशा में अपने दम पर सरकार चला रहे थे। लेकिन एनडीए से उनके संबंध हमेशा ही सौहार्द्रपूर्ण और सहज रहे। इस बार चुनाव से पहले एक बार फिर चर्चा चली कि नवीन पटनायक एनडीए के पाले में आ सकते हैं, लेकिन सीट बंटवारे पर बात न बनने की वजह से दोनों पार्टियों की दोस्ती परवान नहीं चढ़ पाई।

राज्य की 147 विधानसभा सीटों पर इस बार चार चरणों में वोट डाले गए थे। 2.5 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। यहां 74.44 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि 2019 में 73.09 प्रतिशत मतदान हुआ था।

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