नई दिल्ली, 30 सितम्बर। पंजाब कांग्रेस में उभरे संकट के बीच शीर्ष नेतृत्व से असंतुष्ट नेताओं के स्वर मुखर होने लगे हैं। इस क्रम में कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद के बाद अब पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा है कि कांग्रेस यदि कमजोर हो रही है तो इसके पीछे हाईकमान ही जिम्मेदार है।
दिवंगत पीएम राहुल गांधी के करीबी रहे नटवर सिंह ने गुरुवार को एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि कांग्रेस हाईकमान में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हैं। सीडब्ल्यूसी की बैठक होती नहीं है, यह बैठक बुलाई जानी चाहिए।
आलोचकों की ओर से हेडलेस पार्टी करार दिए जाने पर नटवर सिंह ने कहा, ‘मेरा गांधी परिवार के साथ करीब का रिश्ता रहा है, और इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। इसमें कोई दो राय नहीं कि पार्टी की कमजोरी की जिम्मेदारी हाईकमान की है।’
कांग्रेस का कमजोर होना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं
90 वर्षीय वयोवृद्ध नेता नटवर सिंह ने कांग्रेस की कमजोर स्थिति पर अफसोस भी जताया। उन्होंने कहा, ‘ये तो देश के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि भारत को एक इस समय एक पुख्ता कांग्रेस की जरूरत है। लोकतंत्र के लिए मजबूत कांग्रेस की जरूरत है क्योंकि इस समय बीजेपी का कोई विरोधी भी नहीं है। राजीव गांधी के जमाने में 430 सीटें आई थीं और अब 52 सीट है। देश के लिए यह अच्छा नहीं है। लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है कि कांग्रेस कमजोर हो गई है।’
‘मेरे ख्याल से कैप्टन अमरिंदर भाजपा में नहीं जाएंगे’
फिलहाल कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने और अब कांग्रेस छोड़ने के फैसले के बारे में पूछे गए सवाल पर नटवर सिंह उनका बचाव करते दिखे। अमरिंदर के भाजपा में जाने की चर्चा पर उनका कहना था, ‘मैं जरूर यह कह सकता हूं कि वो मेरे ख्याल से बीजेपी में नहीं जाएंगे। हो सकता है कि खुद पार्टी बनाएं।’ ज्ञातव्य है कि नटवर सिंह और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच पारिवारिक रिश्ता है।