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सुप्रीम कोर्ट में नीट-पीजी काउंसलिंग पर फिर गुहार, बुधवार को होगी सुनवाई

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नई दिल्ली, 4 जनवरी। केंद्र सरकार की ओर से लगातार दूसरे दिन गुहार के बाद उच्चतम न्यायालय राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-पीजी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के काउंसलिंग मामले की बुधवार को सुनवाई के लिए राजी हो गई। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के ‘विशेष उल्लेख’ तहत शीघ्र सुनवाई की गुहार पर कहा कि इस मामले में न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ में कल इस पर विचार किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि यह पूरा सप्ताह ‘विविध’ मामलों की सुनवाई के लिए रखा गया है, फिर भी नीट-पीजी मामले पर विचार किया जाएगा।

श्री मेहता ने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष ‘आवश्यक’ मामला बताते हुए सुनवाई का अनुरोध किया था। सॉलिसिटर जनरल ने शीघ्र सुनवाई के लिए डॉक्टरों के आंदोलन का हवाला दिया था। श्री मेहता ने इससे पहले सोमवार को डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष शीघ्र सुनवाई किए जाने की गुहार लगाई थी, जहां मामले की सुनवाई की 06 जनवरी पहले से सूचीबद्ध है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था कि इस मामले में मुख्य न्यायाधीश की राय के बाद कोई फैसला लिया जाएगा।

सोमवार को केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से नीट-पीजी (ईडब्ल्यूएस) काउंसलिंग मामले की शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया था। यह मामला मेडिकल स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाओं में नामांकन से जुड़ा हुआ है। नामांकन के लिए होने वाली काउंसलिंग में ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के लिए वार्षिक आय मानदंड तय करने को लेकर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही है। केंद्र सरकार ने आरक्षण के लिए वार्षिक आय आठ लाख रुपए तक की सीमा तय की है।

पिछली सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से आठ लाख रुपए तय करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देने को कहा था लेकिन सरकार पिछली कई तारीखों के दौरान कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाई। इसके बाद पीठ ने 25 अक्टूबर 2021 को नीट- पीजी काउंसलिंग प्रक्रिया पर अस्थाई रोक लगा दी थी।