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राजस्थान : सुप्रीम कोर्ट से निजी स्कूलों को राहत, अभिभावकों को अब पूरी फीस देनी होगी

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अजमेर, 3 मई। देश में व्याप्त कोरोना महामारी के वक्त आर्थिक तंगी से गुजर रहे हजारों निजी स्कूलों को उस समय राहत मिली, जब स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों से चल रहे विवाद के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को स्कूल संगठन के पक्ष में अपना निर्णय सुना दिया। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अभिभावकों को अब स्कूल की पूरी फीस भरनी होगी।

राजस्थान प्राइवेट एजुकेशन एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश में हजारों निजी स्कूल फीस नहीं मिलने से बंदी की कगार पर पहुंच गए थे।

शर्मा ने बताया कि प्रदेश में 80 प्रतिशत स्कूल मध्यम और निम्न स्तर के हैं, जो पूरी तरह से फीस पर निर्भर थे। स्कूल फीस को लेकर डेढ़ वर्षों से चल रहे विवाद विवाद के मद्देनजर एसोसिएशन राज्य सरकार से गाइडलाइन जारी करने की मांग कर रही थी, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करती है और राजस्थान सरकार से मांग करती है कि शीर्ष न्यायालय के आदेश के अनुपालन में वह फीस संबंधित गाइडलाइन जारी करे ताकि अभिभावक बकाया फीस जमा कर सकें।

शर्मा ने कहा कि निजी स्कूलों के साथ लाखों शिक्षक और कर्मचारी जुड़े हुए हैं। फीस नहीं मिलने से स्कूल संचालक उन्हें वेतन देने में भी समर्थ नहीं थे। ऐसे में बिना वेतन के शिक्षकों और कर्मचारियों की भी दयनीय स्थिति हो चुकी थी। कोर्ट का आदेश उन निजी स्कूलों के लिए संजीवनी का कार्य करेगा, जो बंद होने की कगार पर पहुंच चुके थे।