पटना, 15 जून। दलित राजनीति की अगुआई करने वाले दिवंगत नेता रामविलास पासवान द्वारा रोपी गई लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का अस्तित्व चाचा-भतीजे की लड़ाई में बच पाएगा अथवा नहीं, इस बाबत स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता। फिलहाल पार्टी में जारी घमासान मंगलवार को भी देखने को मिला और दोनों पक्षों की ओर से जवाबी काररवाई का दौर भी चला।
चाचा पशुपति पारस पासवान सहित जिन पांच सांसदों ने सोमवार को चिराग को अकेला छोड़ एलजेपी से हटने का फैसला किया था, उन्होंने आज चिराग पासवान को संसदीय दल के नेता के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया। इन नेताओं ने एलजेपी संविधान का हवाला देते हुए कहा कि चिराग तीन-तीन पदों पर एक साथ काबिज थे। ज्ञातव्य है कि पार्टी से अलग होने वाले सांसदों में पशुपति पारस के अलावा चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह, चौधरी महबूब अली कैसर और वीणा देवी शामिल हैं।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे चिराग
हालांकि शाम होते-होते भतीजे चिराग पासवान ने भी जवाबी काररवाई की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और पांचों सांसदों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। चिराग इस बाबत बुधवार को अपराह्न एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।
पटना में एलजेपी कार्यालय पर चिराग समर्थकों का हंगामा
बैठक से पहले पटना में चिराग के समर्थकों ने एलजेपी कार्यालय पर धावा बोला और पशुपति पारस के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया. समर्थकों ने पशुपति पारस की फोटो और नेम प्लेट पर कालिख पोती और सभी पांच सांसदों और नीतीश कुमार की तस्वीरें भी जलाईं।
चिराग समर्थकों का आरोप है, ‘नीतीश कुमार ने एलजेपी में टूट कराई है। हम सिर्फ चिराग को ही नेता मानते हैं। रामविलास पासवान ने पशुपति पारस को एमएलए-एमपी बनाया और उन्होंने उनके (रामविलास) बेटे की पीठ में छुरा भोंका। अगर कोई नाराजगी थी तो उन्हें चिराग से बात करनी चाहिए थी।’
भतीजे का चाचा के नाम भावुक ट्वीट
एलजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले चिराग ने चाचा के नाम बेहद भावुक ट्वीट किया और एक पुराना पत्र भी शेयर किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा – ‘पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया, लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं।’
महबूब अली बोले – चिराग में अनुभव की कमी
इस बीच पटना आए चौधरी महबूब अली कैसर ने कहा कि बिहार चुनाव में चिराग ने बड़ी गलती की। कैसर ने कहा, ‘चिराग ने एनडीए में रहते हुए जेडीयू के विरोध में काम किया। इसी कारण हम लोगों ने नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय लिया। चिराग में अनुभव की कमी है इसलिए हमने पशुपतिनाथ पारस का समर्थन किया।’
‘हम चाहते हैं कि चिराग हमारे साथ रहें’
कैसर ने कहा, ‘चिराग ने बिहार की राजनीति की नब्ज नहीं पकड़ी और बड़ी भूल कर दी, जिसका खामियाजा उन्हें और पूरी पार्टी को भुगतना पड़ा। चिराग पासवान को हमारी शुभकामनाएं हैं। इस परिस्थिति से निबट कर वे आगे बढ़ेंगे और एक बड़े नेता बनेंगे।’
ललन सिंह के मसले पर कैसर ने कहा, ‘ललन सिंह के कहने पर पार्टी में टूट नहीं हुई है। हमारी मुलाकात ललन सिंह से वीणा सिंह के घर पर हुई थी। हम चाहते हैं चिराग पासवान हमारे साथ रहें।’