वाराणसी, 11 जुलाई। श्री काशी अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी महाराज का शनिवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 67 वर्षीय महाराज बीते 11 जून से बीमार चल रहे थे। वह हरिद्वार में कुंभ स्नान से लौटने के बाद कोरोना संक्रमित हो गए थे।
मंदिर से संचालित एक स्कूल में दी गई भू समाधि
महंत रामेश्वर पुरी के निधन की जानकारी मिलते ही संत समाज, काशी के अखाड़ों और काशीवासियों में शोक की लहर दौड़ गई। पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मंदिर लाया गया। नगर के शिवपुर क्षेत्र में मंदिर द्वारा संचालित एक विद्यालय के परिसर में रविवार की सुबह उन्हें भू समाधि दी गई।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी श्रद्धांजलि
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत रामेश्वर पुरी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, ‘काशी अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी जी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने धर्म और अध्यात्म को समाज सेवा से जोड़कर लोगों को सामाजिक कार्यों के लिए निरंतर प्रेरित किया। ॐ शांति!’
सीएम योगी अदित्यनाथ ने अपनी शोक संवेदना में लिखा, ‘काशी अन्नपूर्णा मंदिर के महंत श्रद्धेय रामेश्वर पुरी जी का निधन अत्यंत दुःखद है। आपका जाना आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति दें। ॐ शांति!’
अन्नपूर्णा मठ मंदिर के उपमहंत शंकर पुरी ने बताया कि हरिद्वार कुंभ स्नामन के दौरान वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। नई दिल्लीे में इलाज के बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। इसके बाद ठीक होकर वह वाराणसी लौटने के साथ अन्नपूर्णा मंदिर में निवास कर रहे थे।
मेदांता लखनऊ से जवाब के बाद लाया गया था वाराणसी
शंकर पुरी के अनुसार गत 11 जून को सेहत फिर खराब होने की वजह से महाराज जी को मेदांता लखनऊ ले जाकर दोबारा भर्ती कराना पड़ा था। विगत 10 दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी। डॉक्टरों के जवाब देने के बाद शुक्रवार की रात उन्हें मेदांता से लाकर वाराणसी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां शनिवार की दोपहर 3.30 बजे उन्होंने मां भगवती का नाम लेते हुए शरीर का त्याग कर दिया।
अक्टूबर, 2004 में दी गई थी अन्नपूर्णा मठ मंदिर की महंती
मंदिर प्रबंधक ने बताया कि 2004 में तत्कालीन महंत त्रिभुवन पुरी के निधन के बाद रामेश्वर पुरी को 17 अक्टूबर 2004 में महानिर्वाणी अखाड़े से संबद्ध श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर की महंती दी गई थी। उनके नेतृत्व में काशी अन्नपूर्णा अन्न क्षेत्र ट्रस्ट निरंतर समाज सेवा क्षेत्र में विस्तार पा रहा। उनके महंत बनने के समय अन्नक्षेत्र के रूप में ट्रस्ट का सिर्फ एक प्रकल्प संचालित था, जहां आज शिक्षा, चिकित्सा, स्वावलंबन व वृद्धजन सेवा समेत तमाम कार्य किए जा रहे हैं।