जम्मू, 27 जून। जम्मू के सतवारी एयरफोर्स स्टेशन पर शनिवार की मध्यरात्रि के बाद पांच मिनट के भीतर हुए दो धमाकों से दहशत फैल गई। भारतीय वायु सेना के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 14 किलोमीटर के फासले पर स्थित इस एयरफोर्स बेस में हुए धमाकों से वायुसेना के दो अधिकारियों को मामूली चोटें आई हैं।
आतंकी हमले की आशंका
आशंका जताई जा रही है कि यह एक आतंकी हमला है और इसमें क्वॉडकॉपर ड्रोन के जरिए स्टेशन पर आसमान से पे लोड गिराए गए। हमले में दो ड्रोन के प्रयोग की बात कही जा रही है। हालांकि यह अंदाजा नहीं लगाया जा सका कि विस्फोटक रात के अंधेरे में कहां गिराए गए, लेकिन निशाने पर स्टेशन की टेक्निकल एरिया में रखे एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर थे। हमले की आशंका ने एयरफोर्स स्टेशन की सुरक्षा पर बेहद गंभीर सवाल खड़ा किए हैं।
घटना की जांच में जुटी एनआईए
फिलहाल धमाकों ने जम्मू-कश्मीर से दिल्ली तक सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। यह जांच की जा रही है कि यह एक आतंकी हमला है या ब्लास्ट किसी और कारण से हुआ। धमाके की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मौके पर भेज दिया गया है। वहीं फरेंसिक विभाग की टीम और खुफिया विभाग भी घटना की जांच में सहयोग कर रहे हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने ली घटना की जानकारी
इसी क्रम में लद्दाख की तीन दिवसीय यात्रा पर जाने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी घटना के बारे में जानकारी ली। राजनाथ ने वाइस एयर चीफ, एयर मार्शल एच.एस. अरोड़ा से बात की। रक्षा मंत्री की कार्यालय से बताया गया कि एयर मार्शल विक्रम सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए जम्मू जाएंगे।
धमाकों के बाद इलाके में रेड अलर्ट घोषित
सूत्रों के मुताबिक, एयरफोर्स बेस पर पहला धमाका रात 1.27 बजे हुआ। इसके बाद दूसरा ब्लास्ट 1.32 बजे हुआ। हमले के बाद इलाके में हाई अलर्ट घोषित करते हुए सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को मौके पर भेजा गया। इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 16 और 18 के तहत केस दर्ज किया गया है। रविवार की सुबह इस मामले में एनआईए को जांच की जिम्मेदारी दे दी गई है।
पठानकोट के एयरफोर्स स्टेशन पर हो चुका है बड़ा हमला
गौरतलब है कि पठानकोट एयरफोर्स बेस पर दो जनवरी, 2016 को फिदायीन हमला हुआ था। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकियों के एक ग्रुप ने एयरफोर्स बेस को निशाना बनाते हुए अटैक किया था। उस हमले के दौरान 65 घंटे तक आतंकियों से मुठभेड़ चली थी, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे और छह आतंकियों को मार गिराया गया था। इस घटनास्थल से कुल 120 किलोमीटर दूर अब एक और एयरफोर्स स्टेशन (जम्मू) में ब्लास्ट की घटना सुरक्षा पर सवाल उठा रही है।