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भारत में भी दो भिन्न वैक्सीन की खुराक के परिणाम सकारात्मक : आईसीएमआर

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नई दिल्ली, 8 अगस्त। दुनिया के कई हिस्सों में इस समय कोरोना वायरस से बचाव के लिए दो भिन्न वैक्सीन की खुराक के परिणामों पर अध्ययन किया जा रहा है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि दो अलग-अलग वैक्सीन के डोज देने से कोरोना के खिलाफ इम्युनिटी ज्यादा बेहतर बन सकती है। इस बीच भारतीय औषधि अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक रिसर्च में भी मिक्स वैक्सीन के इस्तेमाल पर नतीजे सकारात्मक आए हैं।

मिक्स वैक्सीन कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी

आईसीएमआर की ओर से यह स्टडी उत्तर प्रदेश में गत मई और जून माह में की गई ती। अध्ययन के अनुसार पहली डोज कोविशील्ड और दूसरी डोज कोवैक्सीन की देने पर वायरस के खिलाफ बेहतर इम्युनिटी देखी गई है। स्टडी में पता चला है कि एडिनोवायरस वेक्टर पर आधारित दो अलग-अलग वैक्सीन का कॉम्बिनेशन न सिर्फ कोरोना के खिलाफ असरदार है बल्कि वायरस के अलग-अलग वैरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी है।

अध्ययन में यह भी सुझाव दिया गया है कि मिक्स वैक्सीन से न सिर्फ टीके की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी बल्कि अलग-अलग वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में जो गलतफहमी और झिझक है, वह भी दूर की जा सकती है।

अध्ययन में 98 लोगों को शामिल किया गया
इस स्टडी में 98 लोगों को शामिल किया गया था। इनमें से 40 लोगों को कोविशील्ड की दोनों डोज और 40 लोगों को कोवैक्सीन की ही दोनों डोज दी गई थी। 18 लोग ऐसे थे, जिन्हें पहली डोज कोविशील्ड और दूसरी डोज कोवैक्सीन की लगाई गई। स्टडी में सामने आया कि जिन लोगों को दोनों अलग-अलग डोज दी गई, उनमें कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ इम्युनोजेनेसिटी प्रोफाइल काफी बेहतर दिखी। इसके साथ ही एंटीबॉडी और न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी भी काफी ज्यादा थी।

डब्ल्यूएचओ ने मिक्स डोज को लेकर दी थी चेतावनी

गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने पिछले माह चेतावनी दी थी कि कोई भी वैक्सीन को मिक्स कर डोज न ले क्योंकि ये खतरनाक भी हो सकता है। सौम्या ने कहा था ति यह एक खतरनाक ट्रेंड है क्योंकि अब तक इसको लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि अलग-अलग देशों में लोग अपने आप तय करेंगे कि दूसरी-तीसरी डोज कब ली जाए तो ये दिक्कत पैदा कर सकता है।

भारत सरकार की ओर से अब तक इसकी मंजूरी नहीं
हालांकि भारत सरकार की ओर से अब तक इसके लिए मंजूरी नहीं दी गई है। तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज की मांग पर गत 30 जुलाई को ही कोविड-19 पर बनी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मिक्स डोज पर स्टडी करने की मंजूरी देने की सिफारिश की थी।

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