Site icon hindi.revoi.in

उत्तर प्रदेश : 4 और शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने की तैयारी, मुख्यमंत्री योगी ने दिए समीक्षा के निर्देश

Social Share

लखनऊ,13 अगस्त। लखनऊ, नोएडा, कानपुर व वाराणसी के बाद उत्तर प्रदेश के चार और शहरों में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था जल्द ही लागू हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रणाली को लेकर गृह मंत्रालय को समीक्षा के निर्देश दिए हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह मंशा जाहिर कर चुके हैं कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की जानी चाहिए।

लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और नोएडा में लागू है पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मौजूदा समय में लागू पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था वाले शहरों – लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और नोएडा की समीक्षा की जा रही है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुख्यालय में एक कमेटी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था की कमियां और सुधार के संबंध में मंथन कर रही है। डीजीपी खुद पुलिस कमिश्नरेट के एक-एक शहरों की समीक्षा कर रहे हैं।

अब गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा व मेरठ की बारी

लखनऊ, नोएडा, कानपुर व वाराणसी से मिल रहे सकारात्मक परिणामों को देखते हुए अब गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा व मेरठ में यह व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है। आबादी के हिसाब से पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू करने की रेस में गाजियाबाद का नाम सबसे ऊपर है। गाजियाबाद से सटे दिल्ली व एनसीआर भी इसके मुख्य कारण हैं, जहां अपराध और अपराधियों की बहुतायत है। दिल्ली व इसके आसपास के अन्य राज्यों के सभी प्रमुख शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू है।

इधर इलहाबाद हाई कोर्ट व आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश के बड़े शहर प्रयागराज में भी इसकी जरूरत बताई जा रही है। इसी तरह मेरठ व आगरा भी आबादी के हिसाब से बड़े शहर हैं। इसलिए वहां भी पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू किए जाने की उम्मीद बढ़ी है।

एडीजी प्रशांत कुमार बोले – पीड़िताओं के लिए काफी सफल रहा नया प्रयोग

इस बीच एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद लखनऊ और नोएडा में महिला सुरक्षा को लेकर नया प्रयोग किया गया, जो काफी सफल रहा। दुष्कर्म पीड़िता व छेड़छाड़ पीड़िता की मदद के लिए हर समय एक पुलिस वाले की जिम्मेदारी तय की गई। पीड़िताओं के पास उनका नंबर होता है। इससे आरोपित यदि अपराध दोहराने का प्रयास करते हैं, तो उन पर नकेल कसी जा सकती है।

प्रशांत कुमार ने कहा कि प्रदेश के जिन चार शहरों में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू हुई है, वहां पुलिस के बारे में लोगों की धारणा में बदलाव आया है और अपराध में भी कमी आई है।

Exit mobile version