नई दिल्ली, 11 अगस्त। पेगासस जासूसी विवाद, कृषि कानूनों व कोविड कुप्रबंधन सहित तमाम मुद्दों को लेकर बुरी तरह बाधित रहे संसद के मानसून सत्र के तहत लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित अवधि से दो दिन पहले बुधवार को ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में गतिरोध, वक्त की बर्बादी व लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाने को लेकर दुख भी जताया।
कार्यवाही के लिए निर्धारित थे 96 घंटे, कार्य हुआ सिर्फ 21 घंटे
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि मौजूदा 17वीं लोकसभा के छठे सत्र के दौरान 17 बैठकें हुईं। सदन की कार्यवाही के लिए 96 घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन इसकी तुलना में मात्र 21 घंटे 14 मिनट कार्य हुआ।
व्यवधान के कारण लोकसभा का 74 घंटे 46 मिनट का समय बर्बाद हुआ। इस सत्र के दौरान सदन की कार्य-उत्पादकता 22 प्रतिशत रही। लोकसभा का मॉनसून सत्र गत 19 जुलाई को शुरू हुआ था। सदन की कार्यवाही 13 अगस्त तक चलने वाली थी। लेकिन यह 11 अगस्त को संपन्न हो गया।
वाद-विवाद और संवाद से सुदृढ़ होता है लोकतंत्र
स्पीकर बिड़ला ने कहा, ‘मैं लोगों की इस पीड़ा को समझता हूं कि इस बार लोकसभा में लोक महत्व के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई। वाद-विवाद और संवाद से लोकतंत्र सुदृढ़ होता है। सदन में विधेयक सम्यक और सार्थक चर्चा के बाद ही पारित होने चाहिए। संसदीय परंपराओं और सदन की गरिमा का आदर किया जाना चाहिए।’
17 बैठकों में पारित किए गए 20 विधेयक
सत्र के दौरान 17 बैठकों में 13 सरकारी विधेयक पुन:स्थापित किए गए और 20 विधेयक पारित किए गए। पारित किए गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों में संविधान (127 संविधान संशोधन) विधेयक 2021, दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक 2021 और वर्ष 2017-18 और 2020-21 की अनुपूरक मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक शामिल हैं।
पीएम मोदी और सोनिया गांधी सहित कई दलों के नेताओं ने की स्पीकर से भेंट
मॉनसून सत्र के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके कक्ष में शिष्टाचार मुलाकात की। इस मुलाकात में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी भी पहुंचे। इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस, अकाली दल, वाईएसआरसीपी, बीजू जनता दल समेत कई विपक्षी दलों के नेता भी स्पीकर ओम बिरला से मिलने पहुंचे।
ओम बिरला ने सभी दलों के नेताओं से आग्रह किया कि भविष्य में सदन में चर्चा और संवाद को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि चर्चा और संवाद से ही जनता का कल्याण होगा।