जम्मू, 30 जून। जम्मू-कश्मीर में भारतीय वायु सेना के जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां सजग हो चुकी हैं। भविष्यो में ड्रोन हमले जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में जम्मू एयरबेस पर अब एंटी ड्रोन सिस्टम लगा दिया गया है। इसके साथ ही पूरे इलाके में जैमर भी लगाए गए हैं, ताकि दुश्मान के किसी भी दुस्सा हस का उसी अंदाज में जवाब दिया जा सके।
दरअसल सतवारी स्थित एयरफोर्स स्टेशन में हमले के बाद दूसरे दिन भी सैन्य क्षेत्र में ड्रोन देखा गया था। इसके बाद सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है और सभी सैन्य क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, ताकि आतंकियों की तरफ से कोई हमला न किया जा सके।
राजौरी में ड्रोन मशीनों के स्टोरेज व उपयोग पर प्रतिबंध
इसी क्रम में सीमावर्ती जिले राजौरी में बुधवार को ड्रोन मशीनों के स्टोारेज, बिक्री, ट्रांसपोर्ट और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। राजौरी के डीएम राजेश कुमार शवन की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिसके पास ड्रोन या ऐसी वस्तुएं हैं, उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में जमा करना होगा। आदेश में कहा गया कि मैपिंग, सर्वेक्षण और निगरानी के लिए सरकारी एजेंसियों को ड्रोन के उपयोग की अनुमति है, किंतु आमजन को इसके लिए स्थानीय पुलिस थाने और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को जानकारी देनी होगी।
पीएम मोदी भी कर चुके हैं उच्चस्तरीय बैठक
गौरतलब है कि जम्मू एयरबेस पर हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के साथ बैठक की थी। सूत्रों की मानें तो बैठक में सेनाओं को ड्रोन हमलों से निबटने के लिए ड्रोन-रोधी तकनीक हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया था।
वायु सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने सभी ठिकानों पर बढ़ाई सुरक्षा
जम्मू हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने सभी ठिकानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन ड्रोनों को मार गिराने के लिए ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी विकसित की है।