लखनऊ, 18 जुलाई। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी दलों ने राजनीतिक पैंतरेबाजी शुरू कर दी है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए आगामी 23 जुलाई से प्रदेशभर में ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन की घोषणा कर दी है।
भाजपा सरकार की खराब नीतियों से जनता बेहाल
बसपा मुखिया और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को यहां माल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में आहूत प्रेस वार्ता के दौरान ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन की औपचारिक घोषणा की और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसकी खराब नीतियों से जनता का हाल बेहाल है। इस सरकार में समाज के सभी वर्गों के लोगों का शोषण हो रहा है। खासकर, ब्राह्मण समाज सबसे ज्यांदा दुखी है।
अबकी भाजपा के बहकावे में नहीं आएंगे ब्राह्मण समाज के लोग
मायावती ने कहा, ‘पिछले चुनाव में ब्राह्मण समाज के लोगों ने एकतरफा वोट देकर भाजपा की सरकार बनाई थी। लेकिन इस बार वे बहकावे में नहीं आएंगे। मुझे उम्मीद है कि ब्राह्मण समाज के लोग बीएसपी से जुड़कर इस बार सर्व समाज की सरकार बनाएंगे।’
अयोध्या से 23 जुलाई को होगी ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत
दरअसल, बसपा सतीश चंद्र मिश्र को लेकर ब्राह्मण समाज के लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयासरत है और इसी योजना के तहत ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। मायावती ने कहा कि 23 जुलाई को अयोध्या से इसकी शुरुआत होगी। अयोध्या सम्मेलन के लिए अभी स्थान तय नहीं किया गया है, लेकिन आयोजन की जिम्मेदारी करुणाकर पांडे को सौंपी गई है। योजना के अनुसार प्रदेश के 18 मंडलों के अलावा सभी जिलों में भी ब्राह्मण सम्मेलन होगा।
भाजपा ने दलितों को खूब खिचड़ी खिलाई, लेकिन वे बहकावे में नहीं आए
मायावती ने कहा, ‘यूपी के दलित लोगों पर मुझे नाज है। बीजेपी और कांग्रेस वालों ने दलितों को भटकाने के बहुत प्रयास किए। बीजेपी ने दलितों को खूब खिचड़ी खिलाई, लालच दिया। दलितों के हाथों की बनी खिचड़ी इन्हे पसंद नहीं होती है, शायद खुद से ही बना कर ले गए हों। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने यही किया।’
बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘दलितों ने एकतरफा वोट बीएसपी को ही दिया। वो बहकावे में नहीं आते। पिछले विधानसभा चुनाव में हमारा वोट प्रतिशत सपा से भी ज्यादा था। ब्राह्मण बीजेपी के बहकावे में आ गए। मुझे पूरा भरोसा है कि अब ब्राह्मण बीजेपी को वोट नहीं देंगे और न ही उसके बहकावे में आएंगे।’
किसानों की मांग पर गंभीरता बरते केंद्र सरकार
ब्राह्मण सम्मेलन से हटकर मायावती ने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा और कहा, ‘केंद्र की जवाबदेही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान लंबे समय से आंदोलन कर रहे। किसानों की मांग पर केंद्र गंभीरता से सोचे। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के दाम बढ़ रहे हैं। लोगों के सामने महंगाई बड़ी समस्या है। कोरोना प्रभावित परिवारों की मदद हो। हमारे सांसद इन मुद्दों को संसद में गंभीरता से उठाएंगे। गलत नीतियों से बेरोजगारी बढ़ी है।’
वर्ष 2007 की तरह इस बार भी मिलेगा ब्राह्मणों का साथ
बसपा सुप्रीमो ने कहा, ‘दलितों की तरह ब्राह्मण अटल रहेंगे। जैसे 2007 में इन्होंने हमारा साथ दिया, वैसे ही इस बार भी साथ देंगे। हमने हमेश ब्राह्मणों का ख्याल रखा। दलित बीजेपी के भ्रम में नहीं फंसा। ब्राह्मण फंस गए। इनको कितना परखोगे, कितना अजमाओगे। ब्राह्मणों को दलितों से प्रेरणा लेनी चाहिए।’