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मनीष हत्याकांड : SIT के रडार पर 12 पुलिसकर्मी, जांच तक जिला न छोड़ने की हिदायत

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कानपुर, 8 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पुलिस की पिटाई से कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में एसआईटी ने अपनी जांच तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि जांच के दायरे में सिर्फ छह नहीं, बल्कि 12 पुलिसवाले हैं। इंस्पेक्टर जेएन सिंह सहित छह पुलिसवाले तो किन्हीं न किन्हीं कारणों से घटनास्थल से जुड़े हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एसआईटी ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह समेत सभी 12 पुलिसकर्मियों को जांच जारी रहने तक जिला नहीं छोड़ने की हिदायत दी है।

इससे पहले गुरुवार को एसआईटी ने एसएसआई अरुण कुमार चौबे, एसआई अजय कुमार,कॉन्स्टेबल प्रवीण पांडे, अंकित कुमार सिंह, सचिन कुमार यादव, मुंशी हरीश कुमार गुप्ता समेत छह पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए थे। पंचनामा भरने वाले मेडिकल कॉलेज के दरोगा से भी एसआईटी ने बयान लिया है।

मनीष की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी एसआईटी ने इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा की पूरी गतिविधियों की भी जानकारी जुटाई है। इसके अलावा जेएन सिंह के साथ घटना से पहले और घटना के बाद हमराह रहे पुलिसवाले और दरोगा का भी एसआईटी ने बयान दर्ज किया है। 12 पुलिस कर्मियों में इंस्पेक्टर जेएन सिंह, एसआई अक्षय मिश्रा, विजय कुमार यादव, राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार को एसएसपी ने घटना की लापरवाही में निलंबित किया गया था।

वहीं जेएन सिंह, अक्षय मिश्रा और विजय यादव के खिलाफ नामजद व तीन अज्ञात सहित छह पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। ये पुलिसवाले एसआईटी के सामने बयान देने नहीं आए हैं। आरोपियों में कुछ फरार हैं तो कुछ गोपनीय ठिकाने पर छिप कर सही समय का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के कृष्णा होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ ठहरे हुए थे। इसी दौरान पुलिस उनके रूम में दाखिल हुई और सवाल-जवाब करने लगी। होटल में ही मनीष गुप्ता के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी।

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