पटना, 1 जुलाई। बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने नौकरशाही से व्यथित होकर इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों की मनमानी से परेशान होकर उन्हें यह फैसला लेना पड़ा है। सहनी ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रेषित कर दिया है।
मदन सहनी ने गुरुवार को कहा, ‘अधिकारी बात नहीं सुनते। ऐसे में मंत्री पद पर बने रहना मेरे लिए कहीं से भी उचित नहीं है। इसी कारण हमने फैसला किया है कि मंत्री पद से इस्तीफा दूंगा।’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह कोई एक विभाग का मामला नहीं बल्कि सभी विभागों में यही हाल है। फर्क इतना है कि कोई कहता है तो कोई छुपाता है।
विभागीय सचिव अतुल प्रसाद पर मनमानी का आरोप
सहनी ने समाज कल्याण विभाग के सचिव अतुल प्रसाद पर सीधे तौर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा, ‘अधिकारी की ही चलती है। जब सरकार के मंत्रियों की कोई पूछ ही नहीं है तो मंत्रियों के आदेश का कोई मतलब नहीं है। मंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। ऐसे में मंत्री पद पर मेरे लिए बने रहना कहीं से भी उचित नहीं था।’
नीतीश सरकार में लगातार दूसरी मंत्री रहे सहनी
गौरतलब है कि दरभंगा जिले बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड के विधायक मदन सहनी लगातार दूसरी बार चुनाव जीते हैं और नीतीश सरकार ने उन्हें लगातार दूसरी बार मंत्री बनाया था। गौरा-बौराम से भी विधायक रह चुके सहनी पिछली सरकार में खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री थे।
सहनी ने कहा, ‘मैंने मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री तक को इस्तीफे की सूचना दे दी है। हमने मन बना लिया है कि मंत्री पद से इस्तीफा देंगे तो मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अधिकारियों की मनमानी से व्याकुल होकर इस्तीफा देने का फैसला किया। हालांकि जदयू में आगे भी बना रहूंगा।’