लखनऊ, 6 जुलाई। संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (एसजीपीजीआई) में भर्ती उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की हालत में तनिक सुधार है, लेकिन स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को फिर पीजीआई जाकर उनका हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम के बेहतर इलाज के लिए डाक्टरों को आवश्यक निर्देश भी दिए।
लगभग दो हफ्ते से अस्वस्थ चल रहे 89 वर्षीय भाजपा नेता
गौरतलब है कि 89 वर्षीय कल्याण सिंह लगभग दो सप्ताह से बीमार चल रहे हैं। स्मरण शक्ति कमजोर पड़ने से लोगों को पहचानने में उन्हें दिक्कत आ रही है। भाजपा के दिग्गज नेता को पहले इलाज के लिए उन्हें राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। लेकिन वहां हालत बिगड़ने पर गत रविवार की शाम उन्हें लोहिया संस्थान से एसजीपीजीआई शिफ्ट किया गया। यहां उन्हें क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग की आईसीयू में रखा गया है।
पीजीआई में इलाज के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह समेत कई नेताओं ने मुलाकात कर उनका हालचाल लिया था।
पीएम मोदी ने सोमवार को ली थी स्वास्थ्य की जानकारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को कल्याण सिंह के पुत्र और एटा के भाजपा सांसद राजवीर सिंह को फोन कर वयोवृद्ध नेता का हालचाल जाना था। पीएम मोदी ने बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी फोन पर वार्ता की और कल्याण सिंह की बेहतर देखभाल के निर्देश दिए। इसी क्रम में योगी मंगलवार को पूर्वाह्न फिर पीजीआई पहुंचे और डॉक्टरों से उनका हालचाल जाना।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम कर रही वयोवृद्ध नेता का इलाज
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के इलाज के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है, जिसमें प्रो. बनानी पोद्दार, प्रो. अफजल अहमद, प्रो. नारायण प्रसाद, प्रो. सुनील प्रधान, प्रो. वीके पालीवाल, प्रो. ईश भाटिया और प्रो. अमित केसरी शामिल हैं। संस्थान के निदेशक हेपेटोलॉजिस्ट प्रो. आरके धीमन और सीएमएस व इंडो सर्जन प्रो. गौरव अग्रवाल भी लगातार निगरानी में लगे हैं।
लोहिया संस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री की चिकित्सीय जांच के दौरान उनमें अनियंत्रित ब्लड शुगर, एक्यूट बैक्टीरियल इंफेक्शन की शिकायत पाई गई थी। इस समस्या से उनके शरीर में सूजन और संक्रमण है। मस्तिष्क के सीटी स्कैन में खून का थक्का पाया गया। इसके अलावा माइनर हार्ट अटैक के भी लक्षण पाए गए थे।
दो बार रह चुके हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
स्मरण रहे कि भाजपा के तेज तर्रार नेताओं में शुमार कल्याण सिंह ने पहली बार जून,1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था। मुख्यमंत्री के तौर पर वह बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर सुर्खियों में रहे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए छह दिसंबर,1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था।
कल्याण सिंह इसके बाद सितम्बर, 1997 से नवंबर, 1999 तक दोबारा राज्य के मुख्यमंत्री बने। बाबरी विध्वंस मामले में वह सीबीआई जांच का भी सामना कर चुके हैं। हालांकि बाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था।
राजस्थान व हिमाचाल प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं
केंद्र में मोदी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद कल्याण सिंह को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया। वह चार सितम्बर, 2014 से आठ सितम्बर 2019 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे। इस दौरान जनवरी, 2015 से 12 अगस्त, 2015 तक उन्हें हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।