नैनीताल,19 अक्टूबर। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में सोमवार रात को बादल आफत बन कर बरसे। नैनीताल और अल्मोड़ा जनपद में बारिश के कहर से कई घर मलबे की चपेट में आ गये जिससे 10 लोगों की मौत हो गयी है जबकि पांच लोग लापता बताये जा रहे हैं। नैनीताल जनपद के मुक्तेश्वर के दोषापानी में अतिवृष्टि के कारण देर रात एक मकान धराशायी हो गया जिससे पांच लोगों की मौत हो गयी। ये सभी एक ही परिवार के बताये जा रहे हैं। राज्य आपदा प्रबंधन बल और पुलिस की ओर से मौके पर राहत एवं बचाव कार्य चलाया गया।
उपजिलाधिकारी योगेश सिंह मेहरा ने बताया कि मलबे में दबे सभी पांच शवों को निकाल लिया गया है। प्रशासन मृतकों की जानकारी जुटाने में लगा हुआ है। मुक्तेश्वर के रामगढ़ क्षेत्र में ही एक अन्य घटना में सात लोगों के भी मलबे में दबे होने की सूचना है। श्री मेहरा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यहां भी राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है। दो शवों को बरामद कर लिया गया है। अभी भी पांच लोग लापता हैं।
उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी ली जा रही है। भारी बारिश के चलते राहत व बचाव कार्य संचालित करने में दिक्कतें आ रही हैं। अल्मोड़ा जनपद के भिकियासैंण के रापड़ गांव में भी बारिश के चलते एक ही परिवार के चार लोग भूस्खलन की जद में आ गये। बताया जा रहा है कि रापड़ गांव में रात को दो से तीन बजे के बीच हुए भूस्खलन से आनंद सिंह का रिहायशी मकान उसकी चपेट में आ गया, जिससे आनंद सिंह, उसकी पत्नी उषा देवी, पोता और एक पोती मलबे में दब गये।
ग्रामीणों ने मौके पर तुरंत राहत एवं बचाव कार्य चलाया। उषा देवी को तुरंत बाहर निकाल लिया गया। उसे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि आनंद सिंह की पोती किरण का शव भी मलबे से बरामद कर लिया गया है। अभी भी दो लोग लापता बताये जा रहे है।
अल्मोड़ा जनपद मुख्यालय से सटे हीरा डूंगरी में भी एक मकान की दीवार गिरने से मां-बेटी मलबे की चपेट में आ गये। ग्रामीणों ने घायल मां-बेटी का जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन बताया जा रहा है कि बेटी ने अस्पताल जाने से पहले ही दम तोड़ दिया। इसी प्रकार अल्मोड़ा-नैनीताल राजमार्ग पर क्वारब के पास भी दो मजदूरों के मलबे में दब कर मौत की सूचना है लेकिन इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पायी।