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उद्योग परिसंघ की बैठक में पीएम मोदी बोले – राष्ट्रहित में सरकार बड़े से बड़ा रिस्क उठाने को तैयार

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नई दिल्ली, 11 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व भारतीय उद्योगों पर है और केंद्र में सत्तारूढ़ मौजूदा सरकार राष्ट्रहित में बड़े से बड़ा रिस्क उठाने के लिए तैयार है। बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की दो दिवसीय वार्षिक बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ये बातें कहीं।

पीएम मोदी ने ‘इंडिया@75 : गवर्नमेंट एंड बिजनेस वर्किंग टूगेदर फॉर आत्म निर्भर भारत’ विषय पर अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि सीआईआई की यह बैठक इस बार 75वें स्वतंत्रता दिवस के माहौल में, आजादी के अमृत महोत्सव के बीच हो रही है। यह बहुत बड़ा अवसर है, भारतीय उद्योग जगत के नए संकल्पों व नए लक्ष्यों के लिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा दायित्व भारतीय उद्योगों पर है।

नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है नया भारत

उन्होंने कहा कि आज का नया भारत, नई दुनिया के साथ चलने के लिए तैयार है, तत्पर है। जो भारत कभी विदेशी निवेश से आशंकित था, आज वह हर प्रकार के निवेश का स्वागत कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों में जो बदलाव हुए हैं, वे सभी ने देखे हैं। आज भारत कई क्षेत्रों में निवेश को आमंत्रित कर रहा है।

देशवासियों की भावना आज भारत में बने प्रोडक्ट्स के साथ

भारत में बने प्रोडक्ट्स के महत्व का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज स्थिति तेजी से बदल रही है। आज देशवासियों की भावना, भारत में बने प्रोडक्ट्स के साथ है। कम्पनी भारतीय हो, ये जरूरी नहीं, लेकिन आज हर भारतीय, भारत में बने प्रोडक्ट्स को अपनाना चाहता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एक समय था, जब हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है, वही बेहतर है। इस साइकोलॉजी का परिणाम क्या हुआ, ये आप जैसे इंडस्ट्री के दिग्गज भलीभांति समझते हैं। हमारे अपने ब्रांड भी, जो हमने सालों की मेहनत के बाद खड़े किए थे, उनको विदेशी नामों से ही प्रचारित किया जाता था।’

भारत के युवाओं में अब कोई हिचक नहीं

पीएम मोदी ने बदलते दौर में युवाओं में बढ़ी हिम्मत की सराहना करते हुए कहा, ‘आज भारत के युवा जब मैदान में उतरते हैं, तो उनमें वो हिचक नहीं होती। वो मेहनत करना चाहते हैं, वो रिस्क लेना चाहते हैं, वो नतीजे लाना चाहते हैं। हां, हम इस जगह से संबंध रखते हैं। ये भाव आज हम अपने युवाओं में देख रहे हैं। इसी प्रकार का आत्मविश्वास आज भारत के स्टार्टअप में है।’

पूर्व सरकारों में पॉलिटिकल रिस्क लेने की हिम्मत नहीं थी

उन्होंने जीएसटी लागू करने के फैसले पर कहा, ‘आज देश में वो सरकार है, जो राष्ट्रहित में बड़े से बड़ा रिस्क उठाने के लिए तैयार है। GST तो इतने सालों तक अटका ही इसलिए कि जो पहले सरकार में थे, वो पॉलिटिकल रिस्क लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। हमने न सिर्फ जीएसटी लागू किया बल्कि आज हम रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन होते देख रहे हैं।’

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