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उत्तर प्रदेश : पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की बढ़ीं मुश्किलें, आय से अधिक संपत्ति मामले में जमानत अर्जी खारिज

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लखनऊ, 28 सितम्बर। उत्तर प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा परिवाद को निर्धारित समयसीमा खत्म होने के बाद दाखिल करने को आधार बनाकर गायत्री प्रजापति की ओर से जमानत दिए जाने की मांग वाली अर्जी को विशेष सत्र न्यायाधीश सर्वेश कुमार ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ईडी ने दंड प्रक्रिया संहिता में तय समय सीमा के भीतर ही परिवाद दाखिल किया है।

बता दें कि 8 अप्रैल 2021 को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत गायत्री के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। वहीं ईडी ने जांच के दौरान गायत्री की 37 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. यह संपत्तियां लखनऊ के मोहनलालगंज, अमेठी, कानपुर और लोनावाला मुंबई में है। कोर्ट के समक्ष आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति की ओर से कहा गया था कि उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेने के 60 दिन बाद ईडी ने न्यायालय के समक्ष परिवाद दाखिल किया गया है, जो काल बाधित हो चुका था और 60 दिन के बाद दाखिल परिवाद के कारण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167(2) के तहत जमानत का लाभ मिलना चाहिए।

दूसरी ओर जमानत अर्जी का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय की ओर से कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय ने दण्ड प्रक्रिया संहिता में प्राविधानित समय सीमा के अंदर ही परिवाद दाखिल किया है, लिहाजा आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत अर्जी खारिज करने लायक है। कोर्ट के समक्ष गत 24 सितम्बर को जमानत की मांग वाली अर्जी देकर प्रजापति की ओर से कहा गया था कि मामले में ईडी की मांग पर आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति को B- वारंट के जरिए जेल से तलब किया गया था। उन्हें बीते 8 फरवरी को कोर्ट ने हिरासत में लिया था, तब से वह मामले में जेल में है।

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