Site icon hindi.revoi.in

आयकर विभाग का खुलासा : दैनिक भास्कर मीडिया समूह ने 6 वर्षों में 700 करोड़ की आय पर की टैक्स चोरी

Social Share

भोपाल/नई दिल्ली, 25 जुलाई। दैनिक भास्कर मीडिया समूह पर आयकर विभाग की छापेमारी और जांच की काररवाई लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी जारी रही। इस बीच आयकर विभाग ने शनिवार की रात एक बयान जारी कर दावा किया कि समूह ने छह वर्षों में 700 करोड़ रुपये की आय पर टैक्स चोरी की है। विभाग के अनुसार ग्रुप ने स्टॉक मार्केट के नियमों का उल्लंघन करते हुए तमाम फर्जी कम्पनियां बना ली थीं। इन कम्पनियों के बीच 2,200 करोड़ रुपये का लेन-देन भी हुआ है।

समूह के 20 ठिकानों पर 22 जून को शुरू हुई थी छापेमारी
गौरतलब है कि आईटी विभाग की अलग-अलग टीमों ने गुरुवार को दैनिक भास्कर समूह के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, नई दिल्ली और नोएडा स्थित कार्यालयों और 20 आवासीय परिसरों में छापे की काररवाई शुरू की थी।

आयकर विभाग ने अपने बयान में कहा है कि कम्पनी के आय-व्यय के संदर्भ में परीक्षण अभी चल रहा है। विभिन्न लेन-देन और कर भुगतान के बारे में दस्तावेज देखे जा रहे हैं। साथ ही विभिन्न कम्पनियों में साइक्लिकल ट्रेड, फंड ट्रांसफर और रियल एस्टेट कम्पनी में लोन को लेकर भी जांच की जा रही है।

ग्रुप में करीब 100 से ज्यादा होल्डिंग सब्सिडियरी कम्पनियां

सीबीडीटी के अनुसार छापेमारी में पाया गया कि ग्रुप में करीब 100 से ज्यादा होल्डिंग सब्सिडियरी कम्पनियां हैं। इन कम्पनियों का संचालन कर्मचारियों के नाम पर किया जा रहा था और इसका इस्तेमाल रूट की फंडिंग के लिए भी किया जा रहा था। सीबीडीटी के अनुसार ग्रुप की रियल एस्टेट इकाई का सालाना 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार है। उसने सरकारी बैंक से 597 करोड़ रुपये का लोन लिया, इसमें से 408 करोड़ अपनी दूसरी कम्पनी में डायवर्ट कर दिए।

छापेमारी के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि कई कर्मचारियों को इसकी जानकारी ही नहीं थी कि वे किसी कम्पनी के शेयरहोल्डर्स या डायरेक्टर्स हैं। उन्होंने माना कि उन्हें ऐसी कम्पनियों के बारे में पता नहीं था और उन्होंने अपने आधार कार्ड और डिजिटल सिग्नेचर कंपनी पर विश्वास करके दिए थे।

दैनिक भास्कर प्रबंधन का दावा – कोई गड़बड़ी नहीं

इस बीच इन सभी मसलों पर दैनिक भास्कर प्रबंधन ने कहा है कि विभाग ने जो अनियमितताएं बताई हैं, इनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं है। फिलहाल, इन सभी मसलों पर पूरी तथ्यात्मक जानकारी और दस्तावेज विभागीय अधिकारियों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके।

दिलचस्प तो यह रहा कि आयकर विभाग ने अपने खुलासे में दैनिक भास्कर का नाम नहीं लिया है, लेकिन सीबीडीटी के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि ग्रुप की दिलचस्पी मीडिया के अलावा रियल एस्टेट्स, टेक्सटाइल और पावर सेक्टर में रही है। सीबीडीटी के अनुसार छापेमारी के दौरान मिली बड़ी संख्या में मिले दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

भारत समाचार ग्रुप की जांच पूरी, 200 करोड़ के बेहिसाब लेनदेन का आरोप

आयकर विभाग ने यह भी बताया कि लखनऊ स्थित हिन्दी समाचार चैनल भारत समाचार ग्रुप की जांच पूरी हो गई है। वहां, भी दस्तावेजों में आय और टैक्स में अनियमितताएं पाई गई हैं। सीबीडीटी ने उस ग्रुप के कई ठिकानों पर छापेमारी में लगभग 200 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेनदेन का पता लगाने का आरोप लगाया है।
आयकर विभाग ने लखनऊ, बस्ती, वाराणसी, जौनपुर और कोलकाता में ग्रुप के दफ्तरों और कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की थी। विभाग का दावा है कि तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और 16 लॉकर्स बरामद किए गए हैं। इसके अलावा लगभग 200 करोड़ रुपये के बेहिसाब लेनदेन का संकेत देने वाले डिजिटल डाक्यूमेंट भी जब्त किए गए हैं।

Exit mobile version