नई दिल्ली, 16 अगस्त। अंतरकर्लह से जूझ रही कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा, जब पूर्व सांसद एवं अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकीं सुष्मिता देव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। लंबे समय से नाराज चल रहीं सुष्मिता देव ने पहले पार्टी का ह्वाट्सएप ग्रुप छोड़ा और अब उन्होंने ट्विटर के बायो में खुद को कांग्रेस का पूर्व नेता बताया है। उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ डेढ़ वर्ष में कांग्रेस के कई युवा नेता पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं। इनमें राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भी शामिल हैं।
असम विधानसभा चुनाव के दौरान जाहिर की थी नाराजगी
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सिल्चर की पारिवारिक सीट से जीत हासिल करने वालीं 48 वर्षीया सुष्मिता काफी समय से पार्टी से नाराज बताई जा रही थीं। असम विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सीट बंटवारे को लेकर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की थी। बीते मार्च महीने में तो असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सुष्मिता देव के इस्तीफे की अटकलों को खारिज करना पड़ा था।
सोनिया गांधी को लिखे पत्र में इस्तीफे की दी सूचना
दिवंगत दिग्गज कांग्रेसी संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक संक्षिप्त पत्र में कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं, लेकिन उन्होंने कोई विशेष कारण नहीं बताया।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की करीबी नेताओं में शुमार सुष्मिता ने कहा, ‘मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपने तीन दशक लंबे जुड़ाव को संजोती हूं.. आपने मुझे जो मार्गदर्शन और अवसर दिए, उसके लिए मैं व्यक्तिगत रूप से आपका धन्यवाद करती हूं।’
कांग्रेस का बयान – सोनिया गांधी को अभी नहीं मिला सुष्मिता का खत
इस बीच सुष्तिमा देव के इस्तीफे की खबरों पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘मैं उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ है। वह कांग्रेस की पुरानी और कद्दावर नेता हैं। सोनिया गांधी को अभी उनका खत नहीं मिला है। वह राजनीतिक तौर पर काफी समझदार नेता है और अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। जब तक उनसे बात नहीं होती, तब तक मैं इस पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं।’
युवा नेता पार्टी छोड़ते हैं तो बुजुर्गों पर लगता है आरोप : कपिल सिब्बल
दूसरी तरफ वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का दर्द छलका और उन्होंने इस मामले का जिक्र करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा – जब युवा नेता पार्टी छोड़कर जाते हैं तो इसका आरोप पार्टी के पुराने और ‘बुजुर्ग’ नेताओं पर लगता है। सिब्बल ने दावा किया कि पार्टी आंखें बंद करके आगे बढ़ती है।
असम व त्रिपुरा में पकड़ बनाना चाहती है टीएमसी
इस बीच सूत्रों की मानें तो सुष्मिता देव तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं। हालांकि टीएमसी या सुष्मिता देव की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन समझा जाता है कि सुष्मिता देव की मदद से टीएमसी असम और त्रिपुरा सहित कुछ अन्य राज्यों में अपने विस्तार की योजना बना रही है। टीएमसी को असम में एक ऐसा नेता की तलाश थी, जो वहां पार्टी की कमान संभाल सके।