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राज्यसभा में बोले मल्लिकार्जुन खड़गे – पीएम अपने ऊपर दोष नहीं लेते, दूसरों को बलि का बकरा बनाते हैं

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नई दिल्ली, 20 जुलाई। मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दो घंटे के स्थगन के बाद जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने केंद्र सरकार पर स्पष्ट रूप से आरोप मढ़ दिया कि वह कोविड-19 महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि सरकार कोरोना से अब तक हुई मौतों का आंकड़ा भी छुपा रही है।

‘देश में कोविड-19 महामारी का प्रबंधन, टीकाकरण का कार्यान्वयन और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए नीति और चुनौतियां’ विषय पर उच्च सदन में अल्पकालिक चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समस्याएं सुलझाने में फेल रहे और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को उन्होंने बलि का बकरा बना दिया।

‘लोगों ने आप पर भरोसा जताया, आपने उनका भरोसा तोड़ा’

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की अपील पर लोगों ने थाली बजाई, दीया जलाया, खुद को घरों में कैद रखा, लेकिन आपने उनका भरोसा तोड़ा। लोगों ने आप पर भरोसा जताया, लेकिन आपने उनका भरोसा तोड़ा। उन्हें धोखा दिया। स्वास्थ्य मंत्री को आपने बलि का बकरा बनाया। प्रधानमंत्री जी, अपने ऊपर कोई दोष नहीं लेते। बलि का बकरा बनाते हैं।’

इस महामारी से मिले घाव कभी नहीं भरेंगे

खड़गे ने कहा, ‘कोविड-19 के नतीजे इतने भयावह होंगे, इसका अनुमान नहीं था। लेकिन देश इस महामारी की दूसरी लहर से गुजरा और कहा जा रहा है कि हम तीसरी लहर के मुहाने पर खड़े हैं। इस महामारी से मिले घाव कभी नहीं भरेंगे।’

लॉकडाउन की नोटबंदी से की तुलना

उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने कहा, ‘नोटबंदी की तरह ही लॉकडाउन की घोषणा भी रात को की गई। 24 मार्च की रात को की गई। इस घोषणा के बाद प्रवासी कामगार किस हद तक परेशान हुए, यह सबने देखा है। लॉकडाउन की घोषणा न केवल आठ से 15 दिन पहले की जानी चाहिए थी बल्कि प्रवासी कामगारों को उनके गंतव्य तक पहंचाने के लिए व्यवस्था भी की जानी चाहिए थी। यह जिम्मेदारी सरकार की थी, लेकिन वह विफल रही।’

अपने बनाए नियमों को तोड़ने का पूरा श्रेय सरकार को
खड़गे ने कहा, ‘अपने ही बनाए नियमों को तोड़ने का पूरा श्रेय इसी सरकार को जाता है। आपने कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनने और उचित दूरी का पालन करने को कहा, लेकिन खुद इसका पालन नहीं किया। आप क्या कर रहे थे पश्चिम बंगाल और दूसरे चुनावी राज्यों में। जो नियम आपने बनाया, उसे तोड़ने का श्रेय भी आपको ही जाता है।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कोरोना के कुप्रबंधन से न सिर्फ लोगों की नौकरियां गईं बल्कि अर्थव्यवस्था तबाह हुई। महंगाई बढ़ी। हमने लोगों के हाथों में पैसा देने को कहा था। खर्च के लिए लोगों को पैसा मिलेगा, तभी वह बाजार से खरीदारी करेंगे। लेकिन हमारी इस सलाह को भी नजरअंदाज किया गया।’

उन्होंने कहा, ‘आप दावा कर रहे हैं कि इस साल दिसम्बर तक पूरे देश का टीकाकरण पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन अभी तक सिर्फ पांच प्रतिशत लोगों को ही टीकों की दोनों खुराक लगी है।’

‘कोरोना मामले में सरकार को सहयोग की पूरी कोशिश करेंगे’

खड़गे ने कहा, ‘कई बार उच्चतम न्यायालय के कहने के बाद सरकार को कदम उठाने पड़े। मैंने, (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पत्र लिखकर अपने सुझाव भेजे, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं आया। कोरोना सिर्फ देश की ही समस्या नहीं है। इससे पूरा विश्व प्रभावित है। हम इस मामले में सरकार को सहयोग करने की पूरी कोशिश करेंगे।’

क्या यह रहस्य ही रहेगा कि कोरोना से देश में कितनी मौतें हुईं?

कांग्रेस नेता ने सरकार पर कोरोना से मरने वालों के झूठे आंकड़े जारी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘सरकार दावा करती है कि कोविड-19 महामारी से करीब चार लाख लोगों की जान गई। देश में 6,38,565 गांव हैं। अगर एक-एक गांव में इस महामारी ने पांच-पांच लोगों की भी जान ली है तो कोविड से मौत का आंकड़ा 31,91,825 होता है।’ खड़गे ने सवाल किया कि क्या हमेशा यह रहस्य बना रहेगा कि कोविड से कितने लोगों की जान गई?

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