नई दिल्ली, 4 अगस्त। केंद्र सरकार ने देश में बलात्कार पीड़ित महिलाओं और नाबालिग बच्चियों को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसला किया है। इस क्रम में जल्द ही देशभर में 1,023 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फास्ट ट्रैक कोर्ट सहित अन्य कई प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।
योजना पर खर्च होंगे 1,586 करोड़ रुपये
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि नाबालिग बच्चियों और महिलाओं को रेप के मामलों में त्वरित न्याय दिलाने के लिए 1,023 फास्ट ट्रैक कोर्ट चलाए जाएंगे। इनमें 389 पॉक्सो कोर्ट भी शामिल हैं। इस योजना पर कुल 1,586 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसे 31 मार्च, 2023 तक जारी रखा जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत अगले दो वर्षों में तेज गति से फास्ट ट्रैक अदालतों का निर्माण किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन फास्ट ट्रैक कोर्ट्स के निर्माण पर होने वाले खर्चों में 971 करोड़ रुपये के करीब केंद्र सरकार वहन करेगी, वहीं 601.16 करोड़ रुपये राज्य सरकारों को वहन करना होगा। इस योजना को जब 2019 में लॉन्च किया गया था, तब सरकार की यही मानसिकता थी कि यौन अपराधों की शिकार महिलाओं और बच्चियों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके। उसके लिए कई अदालतें भी शुरू की गई थीं।
समग्र शिक्षा अभियान पर विशेष जोर देने का फैसला
इस बीच केंद्र सरकार ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए समग्र शिक्षा योजना पर विशेष जोर देने का भी फैसला किया है। समग्र शिक्षा अभियान पर लगभग 3 लाख करोड़ रुपये वर्ष 2026 तक खर्च किए जाएंगे। इसके तहत तीन वर्ष के बच्चों को भी खेल से जोड़ा जाएगा। इस योजना से करीब 15.6 करोड़ छात्रों को भी फायदा पहुंचेगा। पहली बार प्ले स्कूल की भी परिकल्पना इस योजना में की गई है। बच्चों की सुरक्षा को भी इसमें शामिल किया गया है।
समग्र शिक्षा अभियान योजना में बच्चों को ट्रांसपोर्टेशन के लिए भी इंसेटिव दिया जाएगा। स्कूल में खेल को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त ग्रांट दिया जाएगा। बैगलेस स्कूल पर भी योजना के तहत काम किया जाएगा। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को 12वीं कक्षा तक बढ़ाया जाएगा। रानी लक्ष्मीबाई आत्म रक्षा प्रशिक्षण को तीन हजार से पांच हजार किया जाएगा।