Site icon Revoi.in

उत्तर प्रदेश : एटीएस को बड़ी कामयाबी, 3 रोहिंग्या मानव तस्कर गाजियाबाद से गिरफ्तार

Social Share

लखनऊ, 27 जुलाई। यूपी आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने रोहिंग्या कनेक्शन के जरिए मानव तस्करी गैंग का भंडाफोड़ किया है और इसके तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। प्रदेश के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

गिरफ्तार आरोपितों में 1 बांग्लादेशी और 2 म्यांमार के नागरिक

प्रशांत कुमार ने बताया कि एक बांग्लादेशी और दो म्यांमार के रहने वाले रोहिंग्याओं को दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद रेलवे स्टेशन से किया गिरफ्तार किया है। तीनों पर मानव तस्करी में लिप्त होने का आरोप है। उनकी पहचान मोहम्मद नूर उर्फ नुरुल इस्लाम (काश बाजार,बांग्लादेश), रहमतुल्ला (मंगलू, म्यांमार) और शफीउल्लाह (मोंगडू, म्यामार) के रूप में की गई है। तीनों आरोपितों को न्यायालय में पेशकर पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए अर्जी दी जाएगी।

मलेशिया भेजी जा रहीं दो लड़कियां भी बरामद

एटीएस की टीम ने इसके साथ ही विदेश भेजी जा रहीं दो लड़कियों को भी बरामद किया है। इन लड़कियों की उम्र 16 से 18 वर्ष बताई गई है। दोनों लड़कियों को आशा ज्योति केंद्र लखनऊ को सौंप दिया गया। प्रशांत कुमार के अनुसार जांच में पता चला है कि लड़कियों को फर्जी पासपोर्ट के जरिए मलेशिया भेजा जा रहा था।

लड़कियों को दिल्ली-एनसीआर में बेचने लाए थे आरोपित
एटीएस की जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि बांग्लादेशी व म्यांमार के अपराधी रोहिंग्या के परिवार की महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। इन्हें रोजगार का झांसा देकर भारत लाते हैं। फिर, उनके कूटरचित प्रपत्र तैयार कराकर उन्हें भारत के विभिन्न राज्यों एवं एनसीआर क्षेत्र नोएडा, गाजियाबाद-दिल्ली में बसाते हैं और फिर मोटी रकम लेकर बेच देते हैं।

मानव तस्करी गैंग का लीडर है मोहम्मद नूर

प्राप्त जानकारी के अनुसार मोहम्मद नूर गैंग लीडर है। यह गैंग यहां मानव तस्करी कर रहा था। छानबीन में पता चला कि तीनो ने भारतीय दस्तावेजों के सहारे कई विदेश यात्राएं भी की हैं। कड़ाई से पूछताछ में आरोपितों ने रोहिंग्या महिलाओं को विदेश ले जाकर बेचने की बात भी स्वीकार की है।

पिछले दिनों यूपी एटीएस ने तीन महिलाओं के बारे में जानकारी दी थी, जिन्हें देह व्यापार के लिए मलेशिया में बेचा गया था। आईजी एटीएस जीके गोस्वामी का कहना है कि और कितनी महिलाएं इस गैंग के जरिए मानव तस्करी की शिकार हुई हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। गोस्वामी का कहना है कि ये मानव तस्कर ऐसे पीड़ित व्यक्तियों, महिला और बच्चों का आर्थिक शारीरिक व मानसिक शोषण करते हैं, जो कमजोर और असहाय होते हैं। इसके जरिए वे धन भी अर्जित करते हैं।