Site icon hindi.revoi.in

पेगासस फोन हैकिंग विवाद : अश्विनी वैष्णव का विपक्ष को जवाब – सत्र से ठीक पहले जासूसी रिपोर्ट आना संयोग नहीं

Social Share

नई दिल्ली, 19 जुलाई। संसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन सोमवार आशंकाओं के अनुरूप विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया और कुछ-कुछ घंटे के लिए दो बार के स्थगन के बाद दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) की कार्यवाही मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इसी क्रम में पेगासस फोन हैकिंग विवाद पर भी जमकर हंगामा हुआ। हालांकि नवनियुक्त सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णुव ने लोकसभा में नाराज विपक्ष को इस मामले में जवाब दिया और इस बारे में आई रिपोर्टों पर संदेह जताया। उन्होंदने कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक एक दिन पहले प्रेस रिपोर्टों का आना संयोग नहीं हो सकता।

हंगामे के बीच वैष्णाव ने कहा कि रविवर रात एक वेब पोर्टल पर बेहद सनसनीखेज स्टोोरी चली। इस स्टोररी में बड़े-बड़े आरोप लगाए गए। संसद के मॉनसून सत्र से एक दिन पहले प्रेस रिपोर्ट सामने आई। यह महज संयोग नहीं हो सकता।

फोन हैकिंग के आरोपों का सरकार पहले ही कर चुकी है खंडन

गौरतलब है कि रविवार को दुनियाभर के 17 मीडिया संस्थाडनों में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया कि इजरायल के एनएसओ ग्रुप के ‘पेगासस’ स्पानईवेयर की मदद से भारत सहित कई देशों की सरकारों ने कई नेताओं, पत्रकारों और सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोगों की जासूसी कराई।

रिपोर्ट में 150 से ज्यानदा लोगों के फोन हैक करने की बात कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कम से कम 38 लोगों की निगरानी की गई। हालांकि इस आरोप का सरकार रविवार को ही खंडन कर चुकी है। सरकार ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां प्राइवेसी मौलिक अधिकार है। रिपोर्ट सरासर गलत है।

इजरायली कम्पनी ने भी रिपोर्ट को बताया मनगढ़ंत

उधर, इजराइली कम्पनी एनएसओ ग्रुप ने भी अपने ‘पेगासस’ सॉफ्टवेयर को लेकर हुए खुलासों पर बयान जारी किया। कम्पनी का कहना है कि ‘फॉरबिडेन स्टोकरीज’ की रिपोर्ट ‘गलत धारणाओं और अपुष्टा सिद्धांतों’ से भरी हुई है। एक बयान में इजरायल की इस साइबर इंटेलिजेंस कम्पनी ने कहा कि रिपोर्ट का कोई तथ्याइत्मेक आधार नहीं है और यह सच्चाकई से परे है। कम्पनी के मुताबिक, ऐसा लगता है कि अज्ञात सूत्रों ने गलत जानकारी मुहैया कराई है।

Exit mobile version