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शीतकालीन सत्र में किसानों के मुद्दों पर रहेगी सबकी नजर : मायावती

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लखनऊ, 28 नवम्बर। नये कृषि कानूनों की वापसी के बाद सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उम्मीद व्यक्त की है कि सरकार संविधान दिवस पर जनता से किये गये वादों को नहीं भूलेगी और किसानो के सभी मुद्दों पर नरमी से विचार करेगी। मायावती ने रविवार को ट्वीट किया “ संसद का शीतकालीन सत्र कल से प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान तीन दिन पूर्व ’संविधान दिवस’ पर जनता से किए गए अपने वादों को सरकार भूलेगी नहीं बल्कि उन्हें सही ढंग से निभाएगी भी, ऐसी देश को आशा। किसानों के सभी मुद्दों के प्रति भी सरकार का रूख क्या होता है, इस पर भी सबकी नजर रहेगी।”

इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने लिखा कि ”बीएसपी के सभी सांसदों को भी निर्देशित किया गया है कि वे देश व जनहित के अहम मुद्दों को नियमों के तहत ही पूरी तैयारी के साथ सदन के दोनों सदनों में जरूर उठाएं। सरकार भी अपनी ओर से सदन को पूरे विश्वास में लेकर ही काम करे तो यह बेहतर होगा।” ”साथ ही, कृषि कानूनों जैसे व्यापक जनहित के मुद्दों पर कानून बनाते समय उसके असर का आकलन नहीं करना एक अहम सवाल बना गया है जिसकी ओर न्यायपालिका बार-बार इंगित कर रही है। इसपर भी केन्द्र को जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि नए कानून के मुद्दों पर देश को आगे अनावश्यक टकराव से बचाया जा सके।”

इससे एक दिन पहले शनिवार को प्रयागराज के फाफामऊ के गोहरी गांव में दो दिन पूर्व दलित परिवार में हुए दिल दहलाने वाले सामूहिक हत्याकांड का मामले पर मायावती ने ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला किया था और इस घटना को शर्मनाक बताते हुए इसके लिए लचर कानून व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया है। उधर, इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा है। साथ ही एलान किया है कि रविवार को उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर इस घटना के खिलाफ पार्टी विरोध-प्रदर्शन करेगी।