नई दिल्ली, 11 नवम्बर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज यहां राज्यपालों तथा उप राज्यपालों के 51 वें स्म्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने कोविड महामारी के खिलाफ ‘ सबसे प्रभावशाली’ अभियान चलाया। राष्ट्रपति भवन में दो वर्ष के अंतराल पर गुरूवार को आयोजित इस सम्मेलन में उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी हिस्सा लिया। कोविड महामारी के कारण यह सम्मेलन पिछले दो वर्षों से आयोजित नहीं किया जा सका था। पिछला राज्यपाल सम्मेलन नवम्बर 2019 में आयोजित किया गया था।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत ने कोविड का मुकाबला करने के लिए विश्व का सबसे प्रभावी अभियान चलाया गया। देश के सभी कोरोना यौद्धाओं ने अपने त्याग और समर्पण से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। सरकार की पहल तथा वैज्ञानिकों और उद्यमियों के प्रयासों के बल पर देश में वैक्सीन का विकास और उत्पादन संभव हो सका। अभी तक 108 करोड़ से अधिक टीके लगाये जा चुके हैं और टीकाकरण का अभियान देश भर में तेजी से आगे बढाया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने दूसरे देशों की मदद के लिए वैक्सीन मैत्री अभियान चलाया जिसकी दुनिया भर में सराहना हो रही है। राज्यपालों ने भी इस महामारी से निपटने में सक्रिय योगदान दिया। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने के लिए समूचे देश ने मिलकर प्रयास किया और सभी राज्यों ने एक दूसरे के सहयोग के साथ साथ उनकी अच्छी बातों को अपने यहां लागू किया। इसी का परिणाम है कि भारत ने अनेक विकसित देशों की तुलना में कोविड का सामना बेहतर ढंग से किया।
राष्ट्रपति कोविंद ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हाल ही में संपन्न हुए अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया ने देखा कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से भारत अकेला ऐसा देश है जिसने पेरिस समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता रखी और वह निश्चित समय में लक्ष्यों को हासिल करने की स्थिति में है। भारत ने आगे भी इस दिशा में अपने प्रयासों को तेज करने की प्रतिबद्धता जताते हुए पांच लक्ष्य तय किये हैं। उन्होंने राज्यपालों से कहा कि इन लक्ष्यों को हासिल करने में वे भी अपनी प्रेरक भूमिका निभायें। आप इस अभियान में युवा पीढी को भी सीधे जोड़ सकते हैं।